Manipur Violence: अमेरिका स्थित थिंक टैंक ने बताई मणिपुर में तनाव की वजह, कहा- 'धर्म के आधार पर नहीं हुई हिंसा'

Manipur Violence: पूर्वोतर राज्य मणिपुर करीब चार महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. राज्य में हुए हिंसे में अब तक लगभग 180 के करीब लोगों की मौतें हुई हैं, वहीं 300 से ज्यादा लोगों की घायल होने की जानकारी है.

Manoj Aarya
Manoj Aarya

हाइलाइट

  • तीन मई को राज्य में भड़क उठी हिंसा.
  • हिंसा में 180 से ज्यादा लोगों की हुई मौत.
  • हिंसा से जुड़ी रिपोर्ट में हुए कई खुलासे.

Manipur Violence: पूर्वोतर राज्य मणिपुर करीब चार महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. राज्य में हुए हिंसे में अब तक लगभग 180 के करीब लोगों की मौतें हुई हैं, वहीं 300 से ज्यादा लोगों की घायल होने की जानकारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज भी मणिपुर के अलग-अलग इलाकों में हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. इस मामले में अब अमेरिका स्थित एक थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मणिपुर में हुई हिंसा धर्म के आधार पर नहीं हुई है.

भारत पर केंद्रित थिंक टैंक फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) ने यह रिपोर्ट तैयार की है. अपनी रिपोर्ट में उसने कहा है कि जनजातियों में आपस में अविश्वास, आर्थिक प्रभावों का डर, ड्रग्स, उग्रवाद और इतिहास में घटी घटनाएं, हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं. थिंक टैंक ने रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मणिपुर की हिंसा में विदेशी हस्तक्षेप से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

'धार्मिक आधार पर हिंसा के नहीं मिले सबूत'

फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य और केंद्र सरकार, दोनों ने मणिपुर में शांति बहाली और राहत के लिए सभी तरह के संसाधन को जमीनी स्तर पर उतारा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मणिपुर की जनजातियों में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण मौजूद है लेकिन धार्मिक आधार पर हिंसा के कोई भी सबूत नहीं मिले हैं.  FIIDS ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मणिपुर हिंसा जनजातीय बंटवारे, ऐतिहासिक अविश्वास और जनजातियों के बीच की दुश्मनी के कारण उत्पन हुई. 

हिंसा में विदेशी हस्तक्षेप का दावा 

थिंक टैंक अपने रिपोर्ट में कहा कि इस हिंसा के कारण कई उग्रवादी और कट्टरपंथी संगठनों को फिर से सक्रिय होने का मौका मिल गया है. अफीम और हेरोइन उगाने वाले ड्रग माफियाओं ने इस हिंसा की फंडिंग की और विदेशी हस्तक्षेप से भी इनकार नहीं किया जा सकता. थिंक टैंक ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ये जानकारी दी है. रिपोर्ट में यह भी जानकारी सामने आई है कि हाल के हफ्तों में हिंसा और धरने प्रदर्शनों में कमी आई है लेकिन अभी भी लोगों के बीच अविश्वास मौजूद है. विस्थापित लोग अभी भी अपने-अपने घर लौटने में सहज नहीं हैं। 

समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने की जरूरत

फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) के अनुसार, शांति बहाली के लिए बातचीत, समुदायों के बीच विश्वास बहाली और राहत और पुनर्वास जैसे कार्यों पर ध्यान की आवश्यकता है. थिंक टैंक ने बताया है कि इस रिपोर्ट को अमेरिका के पॉलिसी मेकर्स और अन्य थिंक टैंक्स के साथ साझा की जाएगी. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मणिपुर हिंसा के दौरान फर्जी खबरें और वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए, जिससे भी हिंसा भड़की.

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25 August 2023, 10:15 AM IST

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