'गद्दार, ब्लडी सोल्ड आउट', सीजफायर के बाद विक्रम मिस्री को क्यों किया गया टारगेट? ट्रोलिंग से तंग आकर लॉक किया X प्रोफाइल
Vikram Misri: भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना कर रहे हैं. पाकिस्तान के साथ सीजफायर की घोषणा के बाद उन्हें देशद्रोही कहा जा रहा है और उनकी बेटी तक को निशाना बनाया गया, जिसके चलते उन्होंने अपना X अकाउंट लॉक कर दिया.

Vikram Misri: भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री बीते दिनों सोशल मीडिया पर ट्रोल्स के निशाने पर आ गए हैं. पाकिस्तान के साथ सीजफायर 'अंडरस्टैंडिंग' की घोषणा के बाद उन्हें "गद्दार" और "ब्लडी सोल्ड आउट" जैसे अपमानजनक शब्दों से नवाजा गया. ट्रोलिंग इतनी चरम पर पहुंच गई कि मिस्री को अपना X अकाउंट लॉक करना पड़ा.
हालांकि, मिस्री को नौकरशाही, राजनीति और मीडिया के कई दिग्गजों का समर्थन मिला है. शीर्ष आईएएस और आईपीएस संघों से लेकर विपक्षी नेता, पूर्व राजनयिक और पत्रकारों ने इस ट्रोलिंग की कड़ी निंदा की है और विक्रम मिस्री तथा उनके परिवार के साथ एकजुटता जताई है.
विदेश सचिव #VikramMisri ने अपना ट्विटर अकाउंट लॉक कर दिया, क्योंकि ट्रोल ब्रिगेड सीज़फायर के नाम पर उन्हें और उनके परिवार को निशाना बना रही है।
इन सबका पता लगाकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए थी pic.twitter.com/z5EUWQt06H— Manjeet Ghoshi (@ghoshi_manjeet) May 11, 2025
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी नाराजगी
विक्रम मिस्री ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद से भारत की राजनयिक प्रतिक्रियाओं का प्रमुख चेहरा बने हुए हैं. उन्हें सोशल मीडिया पर खासतौर पर दक्षिणपंथी खातों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. इन ट्रोल्स ने उन्हें देशद्रोही और राष्ट्रीय शर्म कहकर बुलाया गया. इतना ही नहीं, उनकी बेटी को भी व्यक्तिगत हमलों का शिकार बनाया जा रहा है.
बेटी पर डॉक्सिंग का आरोप
कार्यकर्ता मुहम्मद ज़ुबैर ने चंदन कुमार सिंह नाम के यूजर को निशाना बनाते हुए कहा कि उसी ने सबसे पहले विक्रम मिस्री की बेटी की जानकारी सार्वजनिक की, जिससे डॉक्सिंग की लहर शुरू हो गई. इसमें उनकी बेटी के सोशल मीडिया अकाउंट्स और संपर्क जानकारी लीक की गई. सिंह पर पहले भी महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन उत्पीड़न के आरोप लग चुके हैं.
नेताओं से मिला व्यापक समर्थन
ट्रोलिंग के बावजूद विक्रम मिस्री को व्यापक समर्थन मिला. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उनका बचाव करते हुए कहा, "हमारे सिविल सर्वेंट्स कार्यपालिका के तहत काम करते हैं… उन्हें राजनीतिक फैसलों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए." कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी इस घटना की निंदा करते हुए मिस्री और उनके परिवार के खिलाफ की गई ट्रोलिंग को शर्मनाक बताया.
आईएएस और आईपीएस संघों की प्रतिक्रिया
आईएएस और आईपीएस संघों ने इस ट्रोलिंग की कड़ी आलोचना की. आईएएस एसोसिएशन ने बयान में कहा, "कर्तव्यनिष्ठता से कार्य कर रहे सिविल सर्वेंट्स पर निजी हमले निंदनीय हैं और इन्हें कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता."
The IAS Association stands in solidarity with Shri Vikram Misri, Foreign Secretary, & his family.
— IAS Association (@IASassociation) May 11, 2025
Unwarranted personal attacks on civil servants performing their duties with integrity are deeply regrettable.
We reaffirm our commitment to uphold the dignity of public service. pic.twitter.com/qahtRLfCLF
बेटी के सामाजिक कार्यों को बनाया निशाना
विक्रम मिस्री की बेटी, जो कानून स्नातक हैं, म्यांमार में रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ मानवीय कार्यों के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने UNHCR के साथ काम किया है. इसी को लेकर दक्षिणपंथी ट्रोल्स ने उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाए और उनके छोटे से प्रोफेशनल प्रोफाइल को वायरल कर दिया.
अनुभवी राजनयिक, राजनीति से परे सम्मान
1989 बैच के आईएफएस अधिकारी विक्रम मिस्री, गलवान संघर्ष के दौरान चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं. इसके अलावा वे तीन प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव और डिप्टी एनएसए जैसे पदों पर भी कार्य कर चुके हैं. वे राजनीतिक दलों की सीमाओं से परे जाकर एक सम्मानित राजनयिक माने जाते हैं.


