सोशल मीडिया पर कौन है साइबर ठगों का पसंदीदा शिकार? चौंकाने वाले नंबर आए सामने
देशभर में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. दूरसंचार विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो वर्षों में कुल 40 लाख 55 हजार से अधिक लोग किसी न किसी प्रकार की साइबर फ्रॉड का शिकार हुए हैं.

देशभर में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है और पिछले दो वर्षों में लाखों लोग ऑनलाइन ठगी की चपेट में आए हैं. दूरसंचार विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में कुल 40 लाख 55 हजार से अधिक लोग किसी न किसी प्रकार की साइबर फ्रॉड का शिकार हुए हैं.
महिलाएं और किशोर सबसे अधिक निशाने पर
रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़ों से पता चलता है कि साइबर ठगी के कुल पीड़ितों में से 28 लाख 74 हजार महिलाएं व किशोर-किशोरियां शामिल हैं. सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान बनाकर दोस्ती करना, गिफ्ट भेजने का लालच देना, ऑनलाइन गेम के बहाने पैसे मांगना, प्राइवेट चैट या वीडियो वायरल करने की धमकी देना ये सभी तरीके इस समूह को आसानी से जाल में फंसा देते हैं. इसी वजह से महिलाएं और नाबालिग साइबर अपराधियों के लिए सबसे आसान लक्ष्य बनते जा रहे हैं.
ठग कैसे फंसाते हैं?
अधिकांश मामलों में साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर आकर्षक फेक प्रोफाइल बनाकर पीड़ितों से संपर्क करते हैं. विश्वास बनाने के बाद वे महंगे उपहार भेजने का दावा करते हैं और ‘कस्टम चार्ज’ या ‘डिलीवरी फीस’ के नाम पर पैसे की मांग करते हैं. किशोरों को गेमिंग रिवार्ड्स का लालच दिया जाता है, जबकि कई लोगों को आधार, फोटो, पता या निजी जानकारी हासिल कर ब्लैकमेल किया जाता है. कई मामलों में धमकी देकर पीड़ित से मोटी रकम वसूली जाती है.
साइबर ठगी के नए-नए हथकंडे
1. डिजिटल अरेस्ट और नकली पुलिस कॉल
2. व्हाट्सऐप ओटीपी चोरी और अकाउंट हैक
3. विदेशी महिला बनकर दोस्ती का जाल
4. ई-केवाईसी अपडेट का बहाना
5. क्यूआर कोड स्कैन करवाकर बैंक खाते खाली करना
6. स्क्रीन शेयरिंग के जरिये मोबाइल डेटा चुराना
7. पॉर्न हिस्ट्री बताकर ब्लैकमेल
8. नौकरी, लोन और सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी
कैसे बचें साइबर ठगी से?
1. अनजान लोगों से चैट या वीडियो कॉल न करें.।
2. महंगे गिफ्ट या विदेशी उपहार की बात करने वालों पर भरोसा न करें.
3. कूरियर या कस्टम विभाग फोन पर कभी पैसे नहीं मांगते.
4. अपनी फोटो, पता, आधार नंबर या कोई निजी जानकारी साझा न करें.
5. किसी भी प्रकार की धमकी मिले तो उसी समय समझ लें कि यह फ्रॉड है.
6. संदिग्ध नंबरों या ठगी की कोशिश को 1930 या संचार साथी ऐप पर रिपोर्ट करें.
7. अगर कोई खुद को पुलिस, सीबीआई या कोर्ट अधिकारी बताकर डराने की कोशिश करे, तो तुरंत नजदीकी थाने से संपर्क करें.
8. फ्री वाई-फाई और अत्यधिक सस्ते ऑनलाइन ऑफर से बचें.
9. साइबर ठगी होते ही 1930 पर कॉल कर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं.


