कौन थीं सरला भट? कश्मीरी पंडित नर्स जिनकी 35 साल पहले JKLF आतंकियों ने बेरहमी से की हत्या
सरला भट अनंतनाग की 27 साल की कश्मीरी पंडित नर्स थीं. उन्होंने 1990 में आतंकियों के घाटी छोड़ने के फरमान को मानने से इनकार कर दिया. उनकी बहादुरी के कारण JKLF आतंकियों ने उनका अपहरण कर हत्या कर दी. अब 35 साल बाद इस मामले की जांच फिर शुरू हुई है.

Sarla Bhatt: जम्मू-कश्मीर में 35 साल पहले हुई एक दर्दनाक घटना की फाइलें फिर से खुल गई हैं. राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने 1990 में निर्मम तरीके से मारी गई कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट हत्या मामले में जांच को फिर से तेज कर दिया है. मंगलवार को एजेंसी ने मध्य कश्मीर के आठ स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के कैद नेता यासीन मलिक का घर भी शामिल है.
सरला भट अपनी बहादुरी और सेवा भाव के लिए जानी जाती थीं. उन्होंने उस समय आतंकियों के फरमान को नकारते हुए घाटी छोड़ने से इनकार कर दिया था. लेकिन यह जज्बा ही उनकी जान का कारण बन गया. SIA अब इस केस में न सिर्फ पुराने सबूतों की पड़ताल कर रही है, बल्कि नए सुराग भी जुटा रही है.
कौन थीं सरला भट?
27 वर्षीय सरला भट अनंतनाग की रहने वाली कश्मीरी पंडित नर्स थीं. वे श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) में कार्यरत थीं. अप्रैल 1990 में JKLF ने घाटी के कश्मीरी पंडितों को छोड़ने का फरमान जारी किया था. लेकिन सरला ने सेवा जारी रखने का फैसला किया.
अपहरण और निर्मम हत्या
18 अप्रैल 1990 की रात, JKLF के आतंकियों ने SKIMS के हॉस्टल से सरला का अपहरण कर लिया. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें कई दिनों तक बंदी बनाकर रखा गया. उनके साथ दुष्कर्म और यातनाएं दी गईं. 19 अप्रैल की सुबह उनका शव श्रीनगर के उमर कॉलोनी, मल्लाबाग इलाके में मिला.
उन पर कई गोलियां चलाई गई थीं और उनके साथ एक पर्ची रखी गई थी जिसमें झूठा आरोप लगाते हुए उन्हें पुलिस मुखबिर बताया गया था. यह घटना पूरे कश्मीर में दहशत और आक्रोश का कारण बनी.
35 साल तक न्याय का इंतजार
इस मामले में निगीन पुलिस थाने में FIR नंबर 56/1990 दर्ज हुई थी, लेकिन अपराधियों को कभी सजा नहीं मिली. वर्षों तक यह केस ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. 2023 में इसे SIA को सौंपा गया ताकि नए सिरे से जांच की जा सके.
SIA की कार्रवाई
मंगलवार को SIA ने श्रीनगर में आठ स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें यासीन मलिक का घर भी शामिल था. एजेंसी को इस दौरान कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डाटा मिले हैं, जो सरला भट की हत्या के पीछे असली दोषियों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं.


