कांग्रेस ने शशि थरूर को टीम से बाहर किया, BJP बोली – राहुल को क्यों चिढ़ है देश की बात करने वालों से?
भारत की विदेशों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ मुहिम के लिए बनाई गई टीम में शशि थरूर को शामिल किया गया लेकिन कांग्रेस की ओर से दिए गए नामों में उनका नाम नहीं था. इसी बात पर बीजेपी ने राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधा है. लेकिन असली कहानी इससे भी दिलचस्प है...

BJP Slams Congress: भारत सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सभी दलों के सांसदों की एक प्रतिनिधिमंडल टीम बनाने का ऐलान किया है. लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल की लिस्ट सामने आते ही नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. केंद्र सरकार की ओर से जहां शशि थरूर जैसे नेताओं को टीम में शामिल किया गया है, वहीं कांग्रेस ने उन्हें अपनी ओर से भेजे गए नामों में नहीं रखा, जिसे लेकर बीजेपी ने राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला है.
BJP का कांग्रेस पर आरोप
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, "राहुल गांधी को अपने ही पार्टी के उन नेताओं से नफरत क्यों है, जो भारत के पक्ष में बोलते हैं?" उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, शशि थरूर जैसे नेताओं को प्रतिनिधिमंडल में भेजने का विरोध कर रहे हैं.
सरकार की ओर से घोषित नाम
केंद्र सरकार ने सात सांसदों के नाम इस मिशन के लिए घोषित किए हैं, जिनमें शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, संजय कुमार झा और सुप्रिया सुले जैसे नेता शामिल हैं. इन सांसदों को विदेशों में जाकर पाकिस्तान के आतंकवाद को बेनकाब करने की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही, विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी भी हर प्रतिनिधिमंडल के साथ जाएगा, ताकि ब्रीफिंग और प्रेजेंटेशन में मदद मिल सके.
कांग्रेस की ओर से भेजे गए नाम
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के मुताबिक, सरकार की मांग पर पार्टी ने अपने चार सांसदों के नाम दिए थे: आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार. लेकिन इनमें से किसी का नाम केंद्र की अंतिम सूची में नहीं लिया गया.
BJP ने कांग्रेस के विकल्पों पर सवाल उठाए
बीजेपी के प्रवक्ता अमित मालवीय ने कांग्रेस द्वारा भेजे गए नामों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये नाम सिर्फ चौंकाने वाले नहीं बल्कि भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अनुपयुक्त हैं. उन्होंने सैयद नसीर हुसैन के एक समर्थक पर विधानसभा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने का आरोप भी लगाया. साथ ही उन्होंने गौरव गोगोई पर भी निशाना साधा, जिन पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान यात्रा करने और वहां से लौटकर युवाओं को पाकिस्तान दूतावास ले जाने का आरोप लगाया था.
ऑपरेशन सिंदूर और इसका मकसद
यह पूरी कवायद 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद शुरू हुई है. 7 मई को भारत ने पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया गया. अब सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जाकर यह दिखाना चाहती है कि भारत आतंक के खिलाफ सख्त है और पाकिस्तान इसमें मुख्य आरोपी है.
यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाकर आतंकवाद पर भारत का पक्ष रखने की पहल की है. लेकिन इस कोशिश के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ने फिर यह दिखा दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी दलगत राजनीति हावी हो जाती है. अब देखना होगा कि यह प्रतिनिधिमंडल वैश्विक मंचों पर भारत के पक्ष को कितनी मजबूती से रख पाता है.


