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निमिषा प्रिया की मौत की सजा क्यों टली? जानिए कौन सा है वो अब आखिरी रास्ता

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा पर यमन सरकार ने फिलहाल रोक लगा दी है. हत्या के आरोप में सजा पा चुकीं प्रिया की जान अब 'ब्लड मनी' समझौते पर टिकी है, जिसे लेकर भारत सरकार और परिजन प्रयासरत हैं.

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर फिलहाल यमन सरकार ने रोक लगा दी है. हत्या के मामले में सजा पाए जाने के बाद उन्हें 16 जुलाई 2025 को फांसी दिए जाने की तारीख तय की गई थी, लेकिन अब ये सजा स्थगित कर दी गई है. विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास की सतत कोशिशों के चलते ये राहत मिली है.

निमिषा प्रिया पिछले 8 सालों से यमन की जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ यमन की सर्वोच्च अदालत ने हत्या के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई थी. हालांकि अब भारत सरकार की कूटनीतिक पहल और दूतावास के प्रयासों के चलते उनकी जान बचने की उम्मीद फिर से जगी है.

फांसी की सजा पर फिलहाल रोक

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, निमिषा प्रिया की फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. भारतीय दूतावास लगातार स्थानीय प्रशासन और जेल अधिकारियों के संपर्क में है. ये मामला बेहद संवेदनशील है और हर पहलू पर गहराई से ध्यान दिया जा रहा है. सूत्रों ने ये भी बताया कि भारत सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी. हालांकि केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि चूंकि ये मामला विदेश में घटित हुआ है, इसलिए भारत की भूमिका सीमित है. इसके बावजूद भारत सरकार और दूतावास ने जो बन पड़ा वह किया.

'ब्लड मनी' बन सकती है जीवन रेखा

यमन के कानून के तहत ब्लड मनी ही वो रास्ता है जिसके जरिए निमिषा प्रिया को माफ किया जा सकता है. इस्लामिक कानून के अनुसार, अगर मृतक का परिवार एक निश्चित धनराशि लेकर माफ कर दें, तो फांसी टाली जा सकती है. इसी प्रयास में भारतीय दूतावास पीड़ित परिवार और निमिषा के परिजनों के बीच सीधी बातचीत कराने की कोशिश कर रहा है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि दूतावास पीड़ित पक्ष से संवाद कराने के साथ-साथ निमिषा के परिजनों को कानूनी सलाह भी दे रहा है, ताकि वे इस कठिन परिस्थिति में सही निर्णय ले सकें.

कैसे फंसी निमिषा प्रिया?

केरल की निवासी निमिषा प्रिया पेशे से नर्स हैं और नौकरी के लिए यमन गई थीं. वहां उन्होंने यमनी नागरिक तलत अबोद मेंहदी के साथ मिलकर एक क्लीनिक शुरू किया था. आरोप है कि मेंहदी ने उनका मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण किया. उनके पासपोर्ट और जरूरी दस्तावेज भी जबरन छीन लिए गए थे. यमन की अदालत में दर्ज मामले के अनुसार, प्रिया ने जब अपने दस्तावेज वापस लेने की कोशिश की तो मेंहदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, लेकिन इस दौरान उसकी मौत हो गई. इसी आरोप में उन्हें हत्या का दोषी ठहराया गया और फांसी की सजा सुनाई गई.

भारत सरकार और निमिषा प्रिया के परिवार के अथक प्रयासों से फिलहाल उन्हें थोड़ी राहत मिली है, लेकिन उनकी जिंदगी अब भी 'ब्लड मनी' समझौते पर निर्भर है. इस मामले को लेकर देशभर में चिंता की लहर है. 

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15 July 2025, 07:07 PM IST

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