नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जारी होगा समन? राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई आज
राऊज एवेन्यू कोर्ट आज नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी को समन जारी करने पर फैसला करेगी. ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग का मुख्य आरोपी बताया है. कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध मानती है, जबकि भाजपा इसे कानून का पालन बताती है.

नई दिल्लीः 29 नवंबर का दिन कांग्रेस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. राऊज एवेन्यू कोर्ट आज उस फैसले पर मुहर लगा सकती है, जिसका असर राष्ट्रीय राजनीति पर गहरा पड़ेगा. बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट यह तय करेगी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित अन्य आरोपियों को अदालत की ओर से समन भेजा जाए या नहीं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही इस मामले में विस्तृत चार्जशीट दाखिल कर चुका है और अब कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना है.
ईडी ने अप्रैल 2025 में दायर अपनी चार्जशीट में दावा किया था कि इस केस में व्यवस्थित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग की गई है. एजेंसी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, पत्रकार सुमन दुबे और सुनील भंडारी को आरोपी बनाया है. इसके अलावा यंग इंडियन लिमिटेड और डॉकटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को भी मामले में शामिल किया गया है. ईडी का कहना है कि उसके पास आरोप सिद्ध करने के लिए ठोस सबूत मौजूद हैं. इसलिए अब निर्णय कोर्ट के हाथ में है कि वह एजेंसी की दलीलों को कितना सही मानती है.
क्या है नेशनल हेराल्ड विवाद?
मामले की जड़ साल 2012 में है, जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया कि यह सिर्फ आर्थिक हेरफेर का मामला नहीं, बल्कि हजारों करोड़ की संपत्ति हथियाने की साजिश है.
नेशनल हेराल्ड अखबार की मूल कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में बहुमूल्य जमीनें थीं. स्वामी का आरोप है कि इन संपत्तियों पर कब्ज़े के लिए एक योजनाबद्ध खेल रचा गया.
50 लाख की डील में 90 करोड़ का कर्ज
स्वामी के अनुसार, कांग्रेस पार्टी ने AJL को पहले 90 करोड़ का ब्याजमुक्त लोन दिया. बाद में ‘यंग इंडियन’ नाम की एक नई कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी थी. आरोप है कि मात्र 50 लाख रुपये में यंग इंडियन को AJL का 90 करोड़ का कर्ज ट्रांसफर कर दिया गया.इसके बदले कंपनी को AJL के लगभग 99% शेयर मिल गए. इस तरह AJL की बड़ी-बड़ी जमीनें और संपत्तियां परोक्ष रूप से यंग इंडियन और उसके जरिए गांधी परिवार के नियंत्रण में चली गईं. ईडी इस पूरे अध्याय को मनी लॉन्ड्रिंग की क्लासिक मिसाल मानती है.
समन जारी हुआ तो बढ़ेगी कांग्रेस की मुश्किलें
अगर कोर्ट आज समन जारी करती है, तो यह कांग्रेस नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती बन जाएगा. आरोपियों को इसके बाद नियमित जमानत के लिए अर्जी दाखिल करनी होगी, और कोर्ट चाहे तो उन्हें न्यायिक हिरासत में भी भेज सकती है.
कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिशोध में ईडी का दुरुपयोग कर रही है. वहीं भाजपा की दलील है कि कानून सभी के लिए समान है और भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई हर हाल में होनी चाहिए. कांग्रेस पहले भी इस प्रकरण को लेकर सड़क पर उतर चुकी है. ऐसे में एक बार फिर राजनीतिक तापमान बढ़ने की पूरी संभावना है.


