'मैं यह करूंगा', FBI डायरेक्टर काश पटेल कराएंगे ट्रंप-एपस्टीन के बर्थडे लेटर की जांच, जानिए व्हाइट हाउस ने क्या कहा
एफबीआई निदेशक काश पटेल ट्रंप द्वारा एपस्टीन को भेजे कथित जन्मदिन नोट की जांच करेंगे, जिसे व्हाइट हाउस ने फर्जी बताया है. ट्रंप ने वॉल स्ट्रीट जर्नल पर मानहानि का केस किया है, जबकि एपस्टीन से उनके पुराने रिश्तों पर सवाल उठ रहे हैं.

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जेफरी एपस्टीन को कथित तौर पर भेजे गए विवादित जन्मदिन नोट की जांच शुरू करने पर सहमति जताई है. यह बयान उन्होंने हाउस ओवरसाइट कमेटी की सुनवाई के दौरान डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि जेरेड मोस्कोविट्ज़ के सवालों का जवाब देते हुए दिया. इस नोट में एक महिला का स्केच और ट्रंप के नाम से हस्ताक्षर दिखाई दे रहे हैं, जिसे व्हाइट हाउस ने फर्जी करार दिया है.
नोट की प्रामाणिकता पर सवाल
व्हाइट हाउस का कहना है कि एपस्टीन की संपत्ति द्वारा जारी किया गया यह कथित नोट ट्रंप के असली हस्ताक्षर वाला नहीं है. प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने न तो यह स्केच बनाया और न ही इस पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने इसे एक जालसाजी बताया और कहा कि ट्रंप की कानूनी टीम इस मामले में आक्रामक रूप से मुकदमेबाजी कर रही है.
जांच की मांग पर सहमति
सुनवाई के दौरान मोस्कोविट्ज ने पटेल से पूछा कि क्या वे इस कथित फर्जी दस्तावेज को जारी करने के लिए एपस्टीन एस्टेट की जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर यह फर्जी हस्ताक्षर है तो यह अमेरिका के राष्ट्रपति के नाम का दुरुपयोग है, जो गंभीर अपराध है. इस पर पटेल ने जवाब दिया, जरूर, मैं ऐसा करूंगा. इस बयान के बाद एफबीआई पर इस विवादित दस्तावेज की सच्चाई उजागर करने का दबाव और बढ़ गया है.
ट्रंप का वॉल स्ट्रीट जर्नल पर मुकदमा
ट्रंप ने इस कथित नोट से जुड़ी खबर प्रकाशित करने पर वॉल स्ट्रीट जर्नल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. जुलाई में छपी रिपोर्ट में इस नोट का विवरण दिया गया था, जिसे ट्रंप ने पूरी तरह गलत, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक बताया है. ट्रंप का कहना है कि उन्होंने न तो यह पत्र लिखा और न ही चित्र बनाया, क्योंकि वे चित्र बनाते ही नहीं.
एपस्टीन से ट्रंप के रिश्तों पर सवाल
जेफरी एपस्टीन पर नाबालिग लड़कियों की यौन तस्करी के आरोप लगे थे. ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने एपस्टीन से संबंध तोड़ दिए थे, क्योंकि वह युवा महिलाओं को ‘चुराता’ था, जिसमें वर्जीनिया गिफ्रे भी शामिल थी, जो एपस्टीन के आरोपित पीड़ितों में रही और कभी ट्रंप के मार-ए-लागो रिसॉर्ट में काम करती थी. ट्रंप ने कहा कि वे एपस्टीन से जुड़े किसी भी अनैतिक कार्य में शामिल नहीं रहे.
एपस्टीन फाइलें सार्वजनिक करने पर विवाद
अमेरिकी कांग्रेस में कई नेता एपस्टीन मामले की पूरी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि ट्रंप इसे “डेमोक्रेटिक धोखा” बता चुके हैं और कहते हैं कि यह उनकी राजनीतिक सफलता को भटकाने की साजिश है. चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने इन फाइलों को सार्वजनिक करने का वादा किया था, लेकिन सरकार जो भी दस्तावेज़ जारी कर चुकी है, वे पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में हैं.
आगे की कार्रवाई
हाउस ओवरसाइट कमेटी के डेमोक्रेट सदस्यों को हाल ही में एपस्टीन की संपत्ति से प्राप्त दस्तावेज़ों में जन्मदिन एल्बम की एक प्रति मिली है. अब एफबीआई की जांच यह तय करेगी कि कथित पत्र और स्केच असली हैं या ट्रंप को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा हैं. यह मामला अमेरिकी राजनीति में एक नया विवाद बन गया है.


