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1000 साल पुरानी शिव मंदिर को लेकर खून के प्यासे थाईलैंड- कंबोडिया, 15 साल पुरानी दुश्मनी फिर ताजा

हिंदू देवता शिव का 1000 साल पुराना मंदिर एक बार फिर दो बौद्ध देशों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्ध की वजह बन गया है. सीमा पर हालात फिर तनावपूर्ण हैं, गोलियां चल चुकी हैं और मौतें भी हुई हैं. 15 साल पुराना विवाद एक बार फिर सिर उठा चुका है, और एक मंदिर अब आस्था नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद की लड़ाई का मैदान बन गया है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद एक बार फिर हिंसक मोड़ पर पहुंच गया है. सीमा पर जारी सैन्य झड़पों में अब तक कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं. इस संघर्ष की जड़ में वह ऐतिहासिक शिव मंदिर है, जो सदीयों से दोनों देशों के बीच विवाद का कारण बना हुआ है.

प्राचीन मंदिर बना विवाद की वजह

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच जारी यह सीमा विवाद 11वीं सदी के भगवान शिव को समर्पित प्रेह विहेयर मंदिर को लेकर है. यह मंदिर कंबोडिया के पठारी इलाके में स्थित है, लेकिन थाईलैंड भी इस क्षेत्र पर दावा करता रहा है. कंबोडिया ने जब 2008 में इस मंदिर को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित करवाने की कोशिश की, तो थाईलैंड ने इसका विरोध किया. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और झड़पें बढ़ती चली गईं.

गोलीबारी में अब तक 16 की मौत

गुरुवार सुबह से ही थाईलैंड और कंबोडिया की सेनाओं के बीच सीमा पर जबरदस्त गोलीबारी चल रही है. थाईलैंड ने दावा किया है कि उसने कंबोडिया के सैन्य ठिकाने पर हवाई हमला भी किया है. दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इस संघर्ष में अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है और कई नागरिक व सैनिक घायल हुए हैं.

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

यूनेस्को के अनुसार, प्रेह विहेयर मंदिर शिव भक्ति की उत्कृष्टता को दर्शाता है. इसका निर्माण 11वीं सदी में हुआ, लेकिन इसकी उत्पत्ति 9वीं सदी के एक तपस्वी आश्रम से जुड़ी है. मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला, नक्काशीदार पत्थरों और ऊंचे स्थान पर स्थित होने के कारण ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.

1962 में अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला

कंबोडिया ने इस मंदिर पर थाईलैंड के कब्जे को लेकर 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने फैसला सुनाया कि मंदिर कंबोडिया की सीमा में आता है और थाईलैंड को वहां से अपनी सैन्य टुकड़ियां हटानी होंगी. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि थाईलैंड को मंदिर से हटाई गई वस्तुएं कंबोडिया को लौटानी होंगी.

मौजूदा तनाव की वजह

हाल के दिनों में सीमा पर लैंडमाइन विस्फोट, ड्रोन निगरानी और नागरिक इलाकों पर कथित हमलों ने हालात को और बिगाड़ दिया है. थाईलैंड ने दावा किया है कि कंबोडिया की ओर से पहले फायरिंग की गई, जबकि कंबोडिया ने थाईलैंड पर क्लस्टर हथियारों के प्रयोग का आरोप लगाया है.

युद्ध जैसे हालात

थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने कहा कि “संघर्ष अब भारी हथियारों तक पहुंच चुका है और यह सीमा के 12 इलाकों में फैल चुका है.” हजारों नागरिकों को विस्थापित किया गया है और सीमा पर सैन्य तैनाती भी बढ़ा दी गई है.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता

अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता टॉमी पिगोट ने कहा, “हम सीमा पर बढ़ती हिंसा से चिंतित हैं और नागरिकों को हो रहे नुकसान को लेकर दुखी हैं.” चीन ने भी इस मुद्दे पर ‘गंभीर चिंता’ जताई है और बातचीत के माध्यम से समाधान की उम्मीद जताई है.

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28 July 2025, 04:33 PM IST

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