अमेरिका से फिर निकाले जाएंगे 487 अवैध भारतीय प्रवासी, अंतिम लिस्ट हो गई है तैयार
अमेरिका ने 487 अवैध भारतीय प्रवासियों को जल्द ही देश से निर्वासित करने का निर्णय लिया है, जिस पर भारत ने चिंता जताई है. आशंका है कि इन प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार हो सकता है. भारत ने इस मामले में अमेरिकी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है और उन्हें आश्वासन दिया कि कोई भी अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

US News: भारत सरकार ने पुष्टि की है कि अमेरिका ने 487 अवैध भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने का आदेश जारी किया है. विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारत को इन प्रवासियों के बारे में सूचित किया है और कहा कि भारत सरकार ने इसे लेकर चिंता जताई है. विक्रम मिस्री ने बताया कि इस प्रक्रिया पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में भी चर्चा की थी और इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी भारतीय नागरिक के साथ दुर्व्यवहार होता है, तो इसे तुरंत उच्च स्तर पर उठाया जाएगा.
मिस्री ने कहा कि यह निर्वासन प्रक्रिया नई नहीं है, बल्कि यह कई वर्षों से चल रही प्रक्रिया का हिस्सा है. उन्होंने अमेरिका के अधिकारियों से यह भी अनुरोध किया है कि जो भारतीय नागरिक वापस भेजे जा रहे हैं, उन्हें कोई भी अमानवीय व्यवहार न झेलना पड़े. भारत सरकार ने यह सुनिश्चित करने की बात की है कि इन प्रवासियों के साथ कोई भी असंवेदनशीलता न हो. साथ ही, यदि कोई ऐसा मामला सामने आता है, तो भारत इसे अमेरिकी प्रशासन के समक्ष उठाएगा.
नेटवर्क पर कार्रवाई की बात
इसके अतिरिक्त, विदेश सचिव ने यह भी बताया कि अवैध प्रवास को बढ़ावा देने वाले गिरोहों और नेटवर्क के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल प्रवासियों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम में मौजूद उन तत्वों तक फैली हुई है जो अवैध प्रवासन को बढ़ावा देते हैं. इसलिए भारत ने अमेरिका से आग्रह किया है कि इस नेटवर्क पर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोका जा सके.
5 फरवर को 104 भारतीयों को किया गया था बाहर
हाल ही में, 5 फरवरी को अमेरिका ने 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को सैन्य विमान C-17 के माध्यम से भारत भेजा था. यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने की नीति के तहत उठाया गया था.भारत ने हमेशा से अपने नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए आवाज उठाई है और इस मामले में भी उसने अमेरिकी अधिकारियों से संवेदनशीलता और समझदारी की उम्मीद जताई है.


