अडानी ग्रुप केस से भड़के 6 अमेरिकी सांसद, नए अटॉर्नी जनरल को लिखा पत्र
6 अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को पत्र लिखकर बाइडेन प्रशासन के DoJ द्वारा अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की. उन्होंने इसे 'गलत अभियान' करार देते हुए कहा कि यह भारत-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है और चीन को फायदा दिला सकता है.

6 अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने सोमवार को अमेरिका के नए अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को पत्र लिखकर पिछले न्याय विभाग (DoJ) द्वारा अडानी समूह के अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की. नवंबर 2024 में, अडानी समूह ने बाइडेन प्रशासन के तहत DoJ द्वारा अपने खिलाफ दायर मामले को बेबुनियाद बताया था.
बाइडेन प्रशासन की कार्रवाई को बताया 'गलत'
अमेरिकी सांसद लांस गुडेन, पैट फालोन, माइक हरिडोपोलोस, ब्रैंडन गिल, विलियम आर टिमन्स और ब्रायन बैबिन ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को लिखे पत्र में बाइडेन प्रशासन की इस कार्रवाई को 'गलत अभियान' करार दिया. उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक साझेदार, भारत के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है.
कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि इस मामले में आरोप यह है कि भारत में मौजूद कंपनी के सदस्यों ने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई. यह पूरा मामला भारत तक सीमित था. इसके बावजूद बाइडेन प्रशासन के DoJ ने भारतीय अधिकारियों को मामला सौंपने के बजाय खुद ही अडानी समूह के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर दिया. उन्होंने इस कार्रवाई को 'अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाने वाला निर्णय' बताया.
भारत-अमेरिका संबंधों पर खतरा
सांसदों ने पत्र में कहा कि इस तरह का "राजनीतिक रूप से प्रेरित निर्णय" भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है. यह फैसला तब लिया गया जब डोनाल्ड ट्रंप दोबारा व्हाइट हाउस में लौटने वाले थे. अमेरिका की आर्थिक समृद्धि को पुनर्जीवित करने के लिए भारत जैसे मूल्यवान साझेदारों के साथ मजबूत आर्थिक संबंध आवश्यक हैं. सांसदों ने जोर देकर कहा कि अमेरिका और भारत के बीच गहरा सम्मान और सहयोग का रिश्ता है, जिसे ट्रंप और मोदी ने और मजबूत किया है. बाइडेन प्रशासन की ये कार्रवाई भारत-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुंचा सकती है. इससे चीन को फायदा होगा, जो अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के जरिए वैश्विक आर्थिक नियंत्रण हासिल करना चाहता है.
'बाइडेन प्रशासन की भूमिका की जांच हो'
अमेरिकी सांसदों ने मांग की कि इस मामले में बाइडेन प्रशासन के DoJ की भूमिका की पुन: जांच की जाए. उन्होंने अटॉर्नी जनरल से सभी संबंधित दस्तावेज साझा करने का अनुरोध किया. उनका कहना था कि यह कार्रवाई अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है और इस पर दोबारा विचार करने की जरूरत है.


