गाजा में खाद्य संकट, भूख से 8 लोगों की मौत, खाना लेने गए लोगों पर भी हुई गोलीबारी
गाजा में खाद्य संकट जानलेवा साबित हो रहा है. रविवार को भूख के कारण आठ और लोगों की मौत हो गई. इस तरह अकाल जैसी स्थिति में अब तक 289 नागरिक भूख से मर चुके हैं.

8 people died of hunger in Gaza: गाजा पट्टी में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. रविवार को गाजा सिटी के पास एक राहत वितरण केंद्र पर उस समय भयावह घटना हुई, जब खाद्य सामग्री लेने पहुंचे लोगों पर इजरायली सैनिकों ने फायरिंग कर दी. इस गोलीबारी में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई. राहत पाने के लिए इकट्ठा हुए नागरिकों पर ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं. अब तक गाजा में भोजन की तलाश में लगी भीड़ पर हुई गोलीबारी में 2,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 13,500 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं.
भूख से मौतें भी बढ़ीं
गाजा में सिर्फ गोलीबारी ही नहीं, बल्कि खाद्य संकट भी जानलेवा साबित हो रहा है. रविवार को भूख के कारण आठ और लोगों की मौत हो गई. इस तरह अकाल जैसी स्थिति में अब तक 289 नागरिक भूख से मर चुके हैं, जिनमें 115 बच्चे शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र ने गाजा सिटी और उसके आसपास के क्षेत्रों को आधिकारिक रूप से अकालग्रस्त इलाका घोषित कर दिया है.
अंतरराष्ट्रीय मदद की कोशिशें
गंभीर हालात को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राहत पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं. इजरायली वायुसेना के सहयोग से जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी और इंडोनेशिया ने संयुक्त अभियान चलाकर विमानों से खाद्य सामग्री गिराई. हालांकि, लगातार जारी संघर्ष और सीमित वितरण क्षमता के कारण यह मदद भी ज़मीन पर लोगों तक पर्याप्त रूप से नहीं पहुंच पा रही है.
ऑस्ट्रेलिया में गाजा के समर्थन में रैली
गाजा की दयनीय स्थिति को लेकर दुनिया भर में आवाज़ उठ रही है. ऑस्ट्रेलिया के कई शहरों में लोगों ने रैली निकालकर इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ नाराजगी जताई. प्रदर्शनकारियों ने अपनी सरकार से मांग की कि इजरायल पर प्रतिबंध लगाए जाएं और गाजा के नागरिकों को मानवीय सहायता पहुंचाने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाई जाए.
मानवीय संकट गहराता हुआ
गाजा पट्टी में जारी संघर्ष ने मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है. एक ओर राहत पाने के लिए लोग घंटों कतार में खड़े होकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, तो दूसरी ओर भोजन और दवाइयों की किल्लत ने जीवन असहनीय बना दिया है. अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि अगर हालात जल्द नहीं सुधरे, तो भूख और बीमारी से मरने वालों की संख्या और तेजी से बढ़ सकती है.


