ट्रंप के एक फैसले से दुनिया पर मंडराया संकट! अमेरिका में भी हालात हुए बदतर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण अमेरिका और विश्व की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट आई है. अमेरिका में महंगाई बढ़ी है और निवेशकों का भरोसा डगमगाया है. हालांकि, AI और टेक्नोलॉजी में विकास से भविष्य में सुधार की संभावना जताई गई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू की गई टैरिफ नीतियों और वैश्विक अस्थिरताओं ने अमेरिकी और विश्व अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका समेत पूरी दुनिया की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यह स्थिति आने वाले वर्षों में और गंभीर हो सकती है.
अमेरिका की विकास दर में तेज गिरावट
OECD के अनुसार, अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर 2025 के लिए अब केवल 1.6% रह गई है, जबकि मार्च में यह 2.2% अनुमानित थी. इसी तरह 2026 के लिए यह दर घटाकर 1.5% कर दी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि व्यापार नीतियों की अनिश्चितता, इमिग्रेशन पर कड़े नियम, सरकारी खर्चों में कटौती और टैरिफ लागू करने से निवेश और उपभोग पर नकारात्मक असर पड़ा है.
वैश्विक वृद्धि दर में भी गिरावट
OECD ने केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट को भी घटा दिया है. अब 2025 और 2026 दोनों वर्षों के लिए वैश्विक वृद्धि दर 2.9% रहने का अनुमान है, जो पहले क्रमशः 3.1% और 3% थी. यह गिरावट खासकर अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में देखी जा रही है, जबकि अन्य देशों पर असर अपेक्षाकृत कम है.
टैरिफ बना चिंता की मुख्य वजह
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मई 2025 से अमेरिका में लागू किए गए नए टैरिफ से बाजार में अस्थिरता बढ़ी है. उपभोक्ताओं और व्यवसायों का विश्वास कमजोर पड़ा है. हाल में अमेरिकी अदालतों ने कुछ टैरिफों को अस्थायी रूप से रोका था, लेकिन वे फिर से लागू कर दिए गए. ट्रंप प्रशासन अब स्टील पर टैरिफ को 50% तक बढ़ाने की योजना बना रहा है.
महंगाई भी बनी बड़ी चुनौती
OECD ने यह भी बताया कि महंगाई अब एक प्रमुख खतरा बन चुकी है. अमेरिका में 2025 में महंगाई दर 3.2% तक पहुंच सकती है, जो पहले 2.8% अनुमानित थी. साल के अंत तक यह आंकड़ा 4% तक जा सकता है. इसका मुख्य कारण आयात पर बढ़े शुल्क हैं, जिससे सामानों की कीमतें बढ़ रही हैं. हालांकि, कुछ राहत कच्चे माल की कीमतों में गिरावट से मिल सकती है.
टेक्नोलॉजी में छुपी है उम्मीद
हालांकि आर्थिक परिदृश्य निराशाजनक है, फिर भी टेक्नोलॉजी को आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है. OECD का मानना है कि अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है. संगठन के मुख्य अर्थशास्त्री अल्वारो परेरा के अनुसार, अगर व्यापार युद्धों में कमी लाई जाए और निवेशकों का विश्वास बहाल किया जाए, तो इन तकनीकी क्षेत्रों से उत्पादकता में बढ़ोतरी हो सकती है.


