समुद्र के नीचे अंडरवॉटर ड्रोन से रूसी पनडुब्बी तबाह...रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेनी सेना का बड़ा दावा
यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने समुद्र के नीचे संचालित ड्रोन की मदद से रूस की एक कीलो क्लास पनडुब्बी को निष्क्रिय कर दिया है. यह हमला रूस के नोवोरोस्सियस्क नौसैनिक अड्डे पर हुआ, जहां पनडुब्बी तैनात थी. यूक्रेन इसे आधुनिक युद्ध में पहली ऐसी कार्रवाई बता रहा है, जबकि रूस ने किसी भी नुकसान से इनकार किया है.

नई दिल्ली : यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध में समुद्री मोर्चे पर एक नया और चौंकाने वाला दावा सामने आया है. यूक्रेन की सुरक्षा सेवा एसबीयू ने कहा है कि उसने समुद्र के नीचे संचालित होने वाले ड्रोन की मदद से रूस की एक आधुनिक पनडुब्बी को निष्क्रिय कर दिया है. यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार यह पहली बार है जब आधुनिक युद्ध में किसी पनडुब्बी को अंडरवॉटर ड्रोन के जरिए नष्ट किया गया हो.
नोवोरोस्सियस्क बंदरगाह में हुआ हमला
कलिब्र मिसाइल दागने में इस्तेमाल होती थी पनडुब्बी
यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि निशाना बनाई गई पनडुब्बी ‘वार्शव्यांका’ या ‘कीलो क्लास’ श्रेणी की थी. यह डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी कम से कम चार कलिब्र क्रूज मिसाइलें ले जाने में सक्षम होती है. इन मिसाइलों का इस्तेमाल रूस ने यूक्रेन के कई शहरों और ऊर्जा ढांचे पर हमलों में किया है, जिससे भारी तबाही हुई थी.
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For the first time in its history, Ukraine has sunk a Russian submarine with Sub Sea Baby underwater drones in Novorossiysk.
The Security Service of Ukraine (SBU) conducted a unique naval special operation in the port of Novorossiysk. The Sub Sea Baby… pic.twitter.com/gshAcZ331L
— Jürgen Nauditt 🇩🇪🇺🇦 (@jurgen_nauditt) December 15, 2025
पानी से उठा धमाका, वीडियो जारी
एसबीयू ने हमले से जुड़ा एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें पानी के भीतर से तेज विस्फोट होता हुआ दिखाई देता है. यह धमाका उस घाट के पास हुआ, जहां पनडुब्बी और अन्य जहाज खड़े थे. यूक्रेन का दावा है कि इस विस्फोट से पनडुब्बी को गंभीर क्षति पहुंची है और वह लंबे समय तक इस्तेमाल के लायक नहीं रही.
समुद्री युद्ध के इतिहास में एक नया अध्याय
राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के सलाहकार अलेक्जेंडर कामीशिन ने इस घटना को समुद्री युद्ध के इतिहास में एक नया अध्याय बताया है. यूक्रेन का कहना है कि उसके ‘सब सी बेबी’ नामक अंडरवॉटर ड्रोन पहले भी रूस के तेल टैंकरों के खिलाफ इस्तेमाल किए जा चुके हैं, लेकिन किसी पनडुब्बी को निशाना बनाना एक बड़ी उपलब्धि है.
रूस के लिए भारी नुकसान का दावा
यूक्रेन के अनुसार इस पनडुब्बी की कीमत लगभग 400 मिलियन डॉलर थी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के चलते रूस के लिए इसकी मरम्मत या नया निर्माण बेहद महंगा और कठिन होगा. अधिकारियों का दावा है कि नोवोरोस्सियस्क में तैनात रूस की चार पनडुब्बियों में से एक अब युद्ध से बाहर हो चुकी है.
रूस ने किया इनकार
हालांकि रूस ने यूक्रेन के इन दावों को खारिज कर दिया है. रूसी सरकारी मीडिया के अनुसार ब्लैक सी फ्लीट ने कहा है कि इस घटना से किसी भी जहाज या पनडुब्बी को नुकसान नहीं पहुंचा और नौसैनिक अड्डे पर सभी गतिविधियां सामान्य रूप से जारी हैं.
समुद्री युद्ध की दिशा बदलने वाला दावा
यूक्रेन की नौसेना का कहना है कि सीमित नौसैनिक संसाधनों के बावजूद ड्रोन और मिसाइलों के जरिए रूस की समुद्री ताकत को कमजोर किया जा रहा है. पनडुब्बी जैसे कठिन लक्ष्य पर हमला सफल होने का दावा, इस युद्ध में समुद्री रणनीति की सोच को बदलने वाला माना जा रहा है.


