भारत और ब्राजील को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाने की वकालत, ब्रिक्स का बड़ा प्रस्ताव
ब्रिक्स के 17वें शिखर सम्मेलन में भारत और ब्राजील को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के स्थायी सदस्य बनाए जाने की जोरदार मांग उठाई गई.

ब्रिक्स के 17वें शिखर सम्मेलन में भारत और ब्राजील को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के स्थायी सदस्य बनाए जाने की जोरदार मांग उठाई गई. साथ ही, वैश्विक संस्थाओं में लोकतांत्रिक सुधार और व्यापक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर बल दिया गया.
ब्रिक्स देशों द्वारा जारी संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया कि वैश्विक संस्थानों, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार अनिवार्य हैं ताकि वे मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिदृश्यों और चुनौतियों का बेहतर ढंग से समाधान कर सकें. घोषणापत्र में अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका की उभरती अर्थव्यवस्थाओं सहित विकासशील देशों को अधिक प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई.
यूएन में सुधार और अधिक समावेशिता की मांग
ब्रिक्स नेताओं ने घोषणा कि हम संयुक्त राष्ट्र में सुधार की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं, ताकि यह संस्था अधिक समावेशी, प्रभावशाली और लोकतांत्रिक बन सके. सुरक्षा परिषद में विकासशील देशों की भागीदारी बढ़ाना समय की मांग है. घोषणापत्र में अफ्रीकी देशों की आकांक्षाओं को समर्थन देने की बात भी दोहराई गई, जैसा कि एज़ुल्विनी सहमति और सिर्ते घोषणा में उल्लेख किया गया है.
आतंकवाद पर स्पष्ट रुख
भारत के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की निंदा करते हुए ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति को दोहराया. नेताओं ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए दोहरे मापदंड नहीं अपनाए जाने चाहिए और सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्व निभाने चाहिए.
व्यापार और वैश्विक अस्थिरता पर चिंता
शिखर सम्मेलन में अमेरिका की व्यापार नीतियों की अप्रत्यक्ष आलोचना करते हुए एकतरफा टैरिफ और गैर-टैरिफ अवरोधों पर चिंता जताई गई. नेताओं ने कहा कि ऐसे कदम वैश्विक व्यापार तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके अलावा, सम्मेलन में विश्व में बढ़ते ध्रुवीकरण और संघर्षों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई, विशेषकर फिलिस्तीनी क्षेत्रों की स्थिति को लेकर.
ब्रिक्स का विस्तार और वैश्विक भूमिका
ब्रिक्स अब 11 स्थायी सदस्य देशों का समूह है जिसमें नए सदस्य जैसे मिस्र, ईरान, यूएई और इथियोपिया शामिल हुए हैं. वियतनाम हाल ही में एक नए साझेदार राष्ट्र के रूप में जुड़ा है. यह मंच अब बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की प्रभावी भागीदारी को सशक्त करने की दिशा में अग्रसर है.


