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ईरान में अमेरिकी हमलों के बाद PM मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति से की बात, तनाव कम करने की अपील

ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पेजेशकियान से बातचीत कर गहरी चिंता जताई और तनाव घटाने व कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की. भारत ने इस संकट में संतुलित रुख अपनाते हुए शांति और स्थिरता की दिशा में संवाद को प्राथमिकता दी है.

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले के कुछ घंटों बाद ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से टेलीफोन पर बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने पश्चिम एशिया में तेजी से बिगड़ती स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई और तत्काल तनाव कम करने, संवाद व कूटनीति के रास्ते को अपनाने की अपील की.

पीएम मोदी ने X पर साझा की जानकारी

प्रधानमंत्री ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया मंच X (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा:- ईरान के राष्ट्रपति @drpezeshkian से बातचीत की. वर्तमान हालात पर विस्तार से चर्चा हुई. हालिया तनाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की. तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति को आगे बढ़ाने तथा क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता की शीघ्र बहाली की हमारी अपील को दोहराया.

अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर किए हमले

इससे पहले अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज़ स्थित भूमिगत परमाणु ठिकानों पर भीषण हवाई हमले किए. इन हमलों में अमेरिका ने स्टेल्थ बॉम्बर्स और 30,000 पाउंड वजनी 'बंकर बस्टर' बम का इस्तेमाल किया, जिससे इन कड़ी सुरक्षा वाले ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा.

बताया जा रहा है कि ये हमला उस समय हुआ जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर वार्ताएं चल रही थीं. इस समझौते का उद्देश्य ईरान को हथियार-स्तर के यूरेनियम के विकास से रोकना था.

ईरान ने दी करारा जवाब देने की चेतावनी

अमेरिकी हमलों के जवाब में ईरान ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने वॉशिंगटन को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका की यह आक्रामकता खतरनाक परिणाम और गंभीर प्रभाव लेकर आएगी. एक अवैध और युद्धप्रिय प्रशासन इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है.

अब्बास अराघची ने ये भी कहा कि कूटनीति का रास्ता हमेशा खुला रहना चाहिए, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं है. उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक के खिलाफ हालिया कार्रवाइयों में अमेरिका ने कोई 'रेड लाइन' नहीं छोड़ी है. परमाणु ठिकानों पर हमला सबसे खतरनाक कदम है.

भारत ने अपनाया संतुलित रुख

प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इस संवेदनशील समय पर बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता देने की अपील ने भारत के संतुलित और शांतिप्रिय दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है. भारत एक बार फिर मध्य पूर्व में शांति स्थापना की दिशा में एक जिम्मेदार भूमिका निभा रहा है.

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22 June 2025, 03:42 PM IST

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