बिलावल भुट्टो ने माना 'पहलगाम एक आतंकी हमला था', पाकिस्तान में LeT और JeM अब भी सक्रिय
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने पहलगाम हमले को आतंकी हमला माना और LeT व JeM की पाकिस्तान में मौजूदगी स्वीकारी. उन्होंने सरकार की संलिप्तता नकारते हुए भारत से न्यायिक सहयोग की मांग की और भारत-पाक वार्ता पर जोर दिया. साथ ही नफ़रत से बचकर साझा आतंकवाद विरोधी प्रयास की अपील की.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया हमले को एक आतंकवादी हमला मानने की बात स्वीकार की है. उन्होंने भारतीय पत्रकार को दिए गए इंटरव्यू में यह टिप्पणी की, जो दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे आतंकवाद के मुद्दे पर नई बहस को जन्म दे सकती है.
पहलगाम हमला एक आतंकवादी घटना
बिलावल भुट्टो ने इस बात को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि पहलगाम में हुआ हमला एक आतंकवादी कृत्य था. हालांकि उन्होंने पाकिस्तान सरकार या सेना की इसमें किसी भी भूमिका से साफ इनकार किया. उनके अनुसार, यह कहना कि पाकिस्तान की संस्थाएं इसमें शामिल हैं, 'दुष्प्रचार' का हिस्सा है. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद के सबसे बड़े पीड़ितों में से एक रहा है और देश ने इसके चलते भारी नुकसान झेला है. उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद के कारण अब तक 92,000 से अधिक जानें गँवाई हैं, जिनमें केवल 2023 में ही 1,200 आम नागरिक मारे गए.
पाकिस्तान में आतंकी संगठनों की मौजूदगी पर कबूलनामा
लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी संगठनों की पाकिस्तान में मौजूदगी पर भुट्टो ने पहली बार खुलकर बात की. उन्होंने स्वीकार किया कि ये संगठन अब भी पाकिस्तान में सक्रिय हैं. भुट्टो ने कहा कि ये संगठन अफगान जिहाद के दौरान पैदा हुए थे और तब इन्हें "स्वतंत्रता सेनानी" समझा जाता था. हालांकि, 9/11 के बाद जब वैश्विक नजरिया बदला, तब पाकिस्तान ने भी इन्हें आतंकवादी घोषित किया और इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की. उन्होंने यह भी कहा कि न उनकी पार्टी, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और न ही उनकी मां पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो ने इन संगठनों का समर्थन किया था.
हाफ़िज़ सईद और मुंबई हमलों पर भुट्टो का जवाब
2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी हाफ़िज़ सईद पर जब सवाल किया गया, तो भुट्टो ने कहा कि उसे 2022 में 31 साल की सजा दी गई है. लेकिन उन्होंने भारत पर सहयोग न करने और पर्याप्त सबूत न देने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, “अगर भारत सहयोग करता, तो सईद को पहले ही सज़ा मिल सकती थी.” भुट्टो ने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने इस मामले में गवाह नहीं भेजे, जिससे कानूनी प्रक्रिया में देरी हुई. बार-बार उन्हीं सवालों को उठाए जाने पर वे थोड़े नाराज़ भी दिखे और थापर से कहा, "अगर आप जवाब नहीं सुनना चाहते, तो मैं इंटरव्यू से जा सकता हूं."
भुट्टो ने की वार्ता की अपील
भुट्टो ने भारत-पाकिस्तान के बीच 'व्यापक संवाद' की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ दोनों देशों को मिलकर लड़ना चाहिए. उन्होंने अपनी मां की आतंकवादी हमले में हत्या को याद करते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से आतंकवाद के दर्द को समझते हैं. उन्होंने कहा कि हर पाकिस्तानी आतंकवादी नहीं है, और हर भारतीय हमारा दुश्मन नहीं है.


