बीएलए का दावा- 214 बंधकों को मारा गया, पाकिस्तान को जिद को बताया जिम्मेदार
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया कि उसने 214 बंधकों को मार दिया है. बीएलए ने आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान से बातचीत करने से इनकार कर दिया. हमने 48 घंटे का समय दिया था, लेकिन अंतिम चेतावनी को नजरअंदाज किया गया. बीएलए ने पाकिस्तानी सेना पर 'ऑपरेशन दर्रा-ए-बोलन' के तहत घात लगाकर हमला करने का ब्यौरा दिया, जिसमें बताया गया कि कैसे पाकिस्तानी एसएसजी कमांडो पर उस समय घात लगाकर हमला किया गया जब उन्होंने बंधकों को बचाने का प्रयास किया.

बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने 214 बंधकों की हत्या की जिम्मेदारी ली है और आरोप लगाया है कि पाकिस्तान द्वारा बातचीत से इनकार करने के कारण उनकी हत्या हुई. विद्रोही समूह के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तानी सेना ने कैदियों की अदला-बदली के लिए 48 घंटे की अंतिम चेतावनी को नजरअंदाज किया, जिसके परिणामस्वरूप सामूहिक हत्या हुई.
बयान में कहा गया है कि बलूच लिबरेशन आर्मी ने युद्धबंदियों की अदला-बदली के लिए पाकिस्तानी सेना को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जो कब्जे वाली सेना के लिए अपने कर्मियों की जान बचाने का आखिरी मौका था.हालांकि, पाकिस्तान ने अपनी पारंपरिक जिद और सैन्य अहंकार का परिचय देते हुए गंभीर बातचीत से परहेज किया और जमीनी हकीकत से आंखें मूंद लीं. नतीजतन, सभी 214 बंधकों को मार दिया गया."
'अंतर्राष्ट्रीय कानून' के तहत कार्रवाई
बीएलए ने आगे दावा किया कि उसने युद्ध के सिद्धांतों और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप काम किया है, लेकिन पाकिस्तानी सेना पर अपने कर्मियों का बलिदान देने का आरोप लगाया. बयान में दावा किया गया कि पाकिस्तानी राज्य ने अपने जवानों की जान बचाने के बजाय उन्हें युद्ध में ईंधन के रूप में इस्तेमाल करना पसंद किया. दुश्मन को इस हठधर्मिता की कीमत 214 जवानों की हत्या के रूप में चुकानी पड़ी. विद्रोहियों ने 'शहीदों' को सम्मानित किया, पाकिस्तान को भारी नुकसान होने का दावा किया. विद्रोही ग्रुप ने ऑपरेशन के दौरान मारे गए अपने लड़ाकों को भी श्रद्धांजलि दी और उन्हें 'शहीद' बताया.
बयान में कहा गया है कि बीएलए इस लड़ाई में शहीद हुए 12 स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने दुश्मन के खिलाफ अविस्मरणीय बलिदान दिया. बुधवार रात को तीन स्वतंत्रता सेनानी शहीद हो गए, जबकि कल रात चार और सेनानियों ने लड़ाई में अपनी जान गंवा दी. इसके अलावा, मजीद ब्रिगेड के पांच फिदायीन ने अपने प्राणों की आहुति देकर दुश्मन को ऐसी हार दी जिसे इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा.
बीएलए ने दिया ऑपरेशन दर्दा-ए-बोलन को अंजाम
बीएलए ने पाकिस्तानी सेना पर 'ऑपरेशन दर्रा-ए-बोलन' के तहत घात लगाकर हमला करने का ब्यौरा दिया, जिसमें बताया गया कि कैसे पाकिस्तानी एसएसजी कमांडो पर उस समय घात लगाकर हमला किया गया जब उन्होंने बंधकों को बचाने का प्रयास किया. बीएलए ने दावा किया कि फिदायीन ने दुश्मन को विनाशकारी हमले में फंसा लिया और निर्णायक प्रहार किया. कुछ बंधक सैन्यकर्मियों को विशेष बोगियों में बंद कर दिया गया, जबकि अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने शेष बंधकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया. समूह ने आरोप लगाया कि जब पाकिस्तानी एसएसजी कमांडो की जरार कंपनी बचाव अभियान के लिए पहुंची तो उन्हें भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा.
बयान में दावा किया गया है कि कई घंटों तक चली लड़ाई में एसएसजी कमांडो को भारी नुकसान उठाना पड़ा और बंधकों को मार दिया गया. फिदायीन आखिरी गोली तक लड़े, दुश्मन पर निर्णायक प्रहार किया और आखिरी गोली के सिद्धांत का पालन करते हुए खुद पर अंतिम गोली चलाकर शहादत हासिल की.
पाकिस्तान पर 'झूठे सफलता के दावे' का आरोप लगाया
बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना पर स्थिति को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया तथा दावा किया कि जिन लोगों को बचाया गया है, उनमें से कुछ को वास्तव में युद्ध के नियमों के तहत रिहा किया गया था. बयान में आरोप लगाया गया कि अब कब्जा करने वाली सेना इन फिदायीनों के शवों को 'सफलता' के रूप में पेश करने की व्यर्थ कोशिश कर रही है, जबकि उन्हें पता है कि उनका मिशन कभी भी जीवित वापस लौटना नहीं था, बल्कि आखिरी गोली तक लड़ना था. अपनी सभी सैन्य और खुफिया श्रेष्ठता के बावजूद, सेना बंधकों को बचाने में विफल रही.
बलूच विद्रोहियों ने लड़ाई जारी रखने की कसम खाई
बीएलए ने दावा किया कि लड़ाई अभी भी जारी है और पाकिस्तानी सेना अपने मृत कर्मियों को वापस लाने के लिए संघर्ष कर रही है. बयान में कहा गया है कि यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि और तेज हो गई है. बलूच स्वतंत्रता सेनानी लगातार अलग-अलग इलाकों में घात लगाकर कब्जे वाली सेना को निशाना बना रहे हैं. दुश्मन अभी भी अपने शहीद जवानों के शवों को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहा है. हर गुजरते पल के साथ, बीएलए की श्रेष्ठता और अधिक स्पष्ट होती जा रही है. समूह ने यह भी वादा किया कि ऑपरेशन पूरा हो जाने पर वह इसके बारे में और अधिक जानकारी जारी करेगा.
पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन पूरा होने की घोषणा की
इस बीच, गुरुवार को पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल शरीफ चौधरी ने घोषणा की कि जाफर एक्सप्रेस निकासी अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि हमले स्थल पर सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है, जिससे बलूचिस्तान में ट्रेन अपहरण के बाद चलाए जा रहे अभियान का अंत हो गया है.


