ब्रह्मोस और SCALP... भारत की इन मिसाइलों को क्यों नहीं रोक पाया पाक? पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने खुद बताई वजह
भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के जरिए करारा जवाब दिया, जिसमें SCALP और ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया.

भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया गया. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के करीब 100 किलोमीटर अंदर स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाते हुए आतंकियों को बड़ा नुकसान पहुंचाया. ये ऑपरेशन 'सिंदूर' के नाम से जाना गया, जिसमें 21 आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया गया.
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत ने इस हमले में फ्रांस की SCALP मिसाइल और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल किया. पाकिस्तान की वायुसेना के पूर्व अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान इन अत्याधुनिक मिसाइलों को नष्ट करने में क्यों नाकाम रहा.
इन मिसाइलों को क्यों नहीं रोक पा रहा पाक?
पाकिस्तान की वायुसेना के पूर्व वाइस एयर मार्शल इकरामुल्लाह भट्टी ने कहा कि पाकिस्तान के पास उन मिसाइलों को रोकने की क्षमता नहीं है जो हवा से जमीन पर दागी जाती हैं. पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम में चीन का एचक्यू 16 एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य आधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणालियां हैं, जो सतह से सतह पर दागी जाने वाली मिसाइलों को रोक सकती हैं. लेकिन इकरामुल्लाह भट्टी के अनुसार, पाकिस्तान के पास हवा से जमीन पर दागी जाने वाली क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने की कोई प्रभावी क्षमता नहीं है. भारत ने इस ऑपरेशन में सुखोई-30 एमकेआई विमानों से ब्रह्मोस मिसाइल का एयर लांच वर्जन इस्तेमाल किया था, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
मिसाइलों की अत्याधुनिक तकनीक
पाकिस्तानी वायुसेना के पूर्व एयर कमोडोर आदिल सुलतान ने भी कहा कि भारत और पाकिस्तान की सीमाएं एक-दूसरे से सटी हुई हैं, इसलिए पूरी तरह से हमलों से सुरक्षा मुहैया कराना संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि हवा से जमीन पर दागी जाने वाली मिसाइलों को रोकना बहुत मुश्किल हो गया है, क्योंकि उनकी गति बहुत तेज हो गई है, जो मैक 3 से लेकर मैक 9 तक पहुंच चुकी है. भट्टी का कहना है कि अमेरिका, चीन और रूस जैसे शक्तिशाली देश भी इन हाई स्पीड मिसाइलों को रोकने में सक्षम नहीं हैं.
गति और कम समय में असर
इकरामुल्लाह भट्टी ने बताया कि हवा से दागी जाने वाली मिसाइलों की उड़ान अवधि बहुत कम होती है, जिससे इनका इंटरसेप्ट करने का समय भी सीमित हो जाता है. इसके विपरीत, जमीन से जमीन पर दागी जाने वाली मिसाइलों की गति कम होती है और इन्हें रोकने का अवसर ज्यादा मिलता है. SCALP और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें इस कारण से बहुत प्रभावी मानी जाती हैं, क्योंकि उनकी गति इतनी तेज होती है कि उन्हें नष्ट करना मुश्किल हो जाता है.
SCALP मिसाइल:
SCALP मिसाइल, जो एक हवा से दागी जाने वाली क्रूज मिसाइल है, स्टील्थ तकनीक से लैस है और इसे लंबी दूरी तक हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है. ये ब्रिटेन में 'स्टॉर्म शैडो' मिसाइल के नाम से जानी जाती है. SCALP मिसाइल दिन या रात, किसी भी मौसम में इस्तेमाल की जा सकती है और इसका निशाना बहुत सटीक होता है. भारत ने इस मिसाइल का इस्तेमाल अपने ऑपरेशन में किया था, जो पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया था.
ब्रह्मोस:
ब्रह्मोस मिसाइल, जिसे भारतीय रक्षा उद्योग और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया है, दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल मानी जाती है. ब्रह्मोस का मैक 3 की रफ्तार से हमला करने की क्षमता इसे बेहद प्रभावी बनाती है. ये मिसाइल 'दागो और भूल जाओ' की नीति पर काम करती है, जिसका मतलब है कि एक बार मिसाइल दागने के बाद उसे नियंत्रित करना और उसकी यात्रा को ट्रैक करना संभव नहीं होता. इसकी रेंज अब करीब 800 किमी तक बढ़ चुकी है और ये 200 से 300 किलो तक विस्फोटक सामग्री को ले जाने में सक्षम है.