कनाडा ने अमेरिका संग व्यापार विवाद में नरमी दिखाई, कई प्रतिशोधात्मक शुल्क घटाए
कनाडा ने अमेरिका के साथ चल रहे व्यापारिक तनाव को कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने ऐलान किया है कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा व्यापार समझौते के प्रावधानों के तहत मिलने वाली छूटों के अनुरूप कई प्रतिशोधात्मक टैरिफ में कटौती करेगी.

Canada-US Trade: कनाडा ने अमेरिका के साथ चल रहे व्यापारिक तनाव को कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने ऐलान किया है कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा व्यापार समझौते (USMCA) के प्रावधानों के तहत मिलने वाली छूटों के अनुरूप कई प्रतिशोधात्मक टैरिफ में कटौती करेगी. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इस निर्णय को व्यावहारिक बताते हुए कहा कि यह कदम वाशिंगटन के साथ आगे की वार्ताओं को रफ्तार देगा और आर्थिक रिश्तों को स्थिर करने में सहायक होगा.
अमेरिका संग व्यापार पर क्या बोले कार्नी?
कार्नी ने कहा कि फिलहाल कनाडा का अमेरिका के साथ दुनिया का सबसे अच्छा व्यापार समझौता है. भले ही यह पहले हुए समझौते से अलग है, लेकिन अन्य देशों के मुकाबले कनाडा के लिए कहीं अधिक लाभकारी है. उनके अनुसार, अमेरिका की प्रतिबद्धता यह सुनिश्चित करती है कि दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार का 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सा टैरिफ-मुक्त रहेगा, जबकि कनाडाई उत्पादों पर लगने वाला औसत अमेरिकी शुल्क महज 5.6 प्रतिशत है.
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कनाडा स्टील, एल्युमिनियम और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में लगाए गए टैरिफ फिलहाल बरकरार रखेगा. इन क्षेत्रों से जुड़े विवादों को हल करने के लिए कनाडा अमेरिकी अधिकारियों के साथ गहन वार्ता कर रहा है.
यह घोषणा कार्नी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई टेलीफोन वार्ता के बाद सामने आई. ट्रंप ने बातचीत को “बहुत अच्छी” बताते हुए कहा कि, “हम कुछ सकारात्मक कदम उठा रहे हैं. हमारा इरादा कनाडा के साथ बेहतर व्यवहार करने का है. मुझे कार्नी बेहद पसंद हैं और मैं मानता हूं कि वह एक अच्छे इंसान हैं.”
हालांकि, कनाडा सरकार के इस फैसले पर विपक्षी नेताओं और यूनियनों की आलोचना भी सामने आई है. देश की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर यूनियन यूनिफोर की अध्यक्ष लाना पायने ने कहा कि प्रतिशोधात्मक शुल्क वापस लेना किसी शांति प्रस्ताव के समान नहीं है, बल्कि यह अमेरिकी आक्रामकता को और बढ़ावा देगा. वहीं, कंज़र्वेटिव नेता पियरे पोलीव्रे ने इसे “आत्मसमर्पण” बताते हुए दावा किया कि कनाडा को अमेरिकी टैरिफ पूरी तरह हटवाने के लिए प्रयास करने चाहिए, न कि केवल रियायतें देने पर ध्यान देना चाहिए.
बावजूद कार्नी ने निर्णय का किया बचाव
आलोचनाओं के बावजूद कार्नी ने अपने निर्णय का बचाव किया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी छूटों का मिलान करना किसी तरह की तुष्टिकरण नीति नहीं है, बल्कि यह व्यावहारिक रणनीति है. उन्होंने जोड़ा कि राष्ट्रपति ट्रंप से उनकी लंबी और रचनात्मक चर्चा हुई है. आने वाले वसंत में मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा प्रस्तावित है और कनाडा पहले से ही अपनी तैयारी कर रहा है. कार्नी के अनुसार, यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक हितों की रक्षा करने और आगे की वार्ताओं के लिए सकारात्मक माहौल बनाने में मदद करेगा.


