ट्रंप के संबोधन के दौरान इजराइली संसद में मचा बवाल, दो सांसदों ने ऐसा क्या किया?
इज़राइल की संसद में डोनाल्ड ट्रंप के संबोधन के दौरान दो सांसदों ने फिलीस्तीन के समर्थन में हंगामा किया, जिन्हें सुरक्षा बलों ने बाहर निकाल दिया. अपने भाषण में ट्रंप और नेतन्याहू ने इज़राइल की ताकत, शांति की जरूरत और क्षेत्रीय सहयोग को लेकर स्पष्ट संदेश दिया.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब इज़राइल की संसद (केनेसट) को संबोधित कर रहे थे, उसी दौरान हदश-ताअल पार्टी के दो सांसदों, एमान ओदेह और ओफर कासिफ ने विरोध प्रदर्शन कर माहौल गर्मा दिया. दोनों सांसद ट्रंप के सामने नरसंहार लिखा हुआ पोस्टर लहराते हुए उनकी ओर बढ़े. विरोध की तीव्रता को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों ने दोनों को जबरन सदन से बाहर कर दिया.
फिलीस्तीन को मान्यता दो का संदेश
एमान ओदेह ने अपनी तख्ती पर फिलीस्तीन को मान्यता दो का संदेश दिखाया. वहीं, ओफर कासिफ भी इसी तरह के पोस्टर के साथ प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे थे. संसद के भीतर हुए इस हंगामे के बीच ट्रंप ने स्थिति को सहजता से लिया और कहा कि यह एक प्रभावी तरीका है, फिर अपना भाषण बिना रुके जारी रखा.
अपने संबोधन में ट्रंप ने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रशंसा करते हुए उन्हें साहसी और राष्ट्रभक्त नेता बताया. उन्होंने कहा कि नेतन्याहू की वजह से ही यह ऐतिहासिक दिन संभव हो पाया है. ट्रंप ने नेतन्याहू से खड़े होकर दर्शकों का अभिवादन करने को कहा और जोड़ा कि यह शख्स आसान नहीं है, लेकिन इसी वजह से यह महान है.
अरब और मुस्लिम देशों का आभार
इसके साथ ही ट्रंप ने उन अरब और मुस्लिम देशों का भी आभार जताया जिन्होंने हमास पर दबाव डालकर बंधकों की रिहाई में मदद की. उन्होंने इसे इज़राइल और पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए एक नई शुरुआत बताया और कहा कि यह वक्त इतिहास में बदलाव के रूप में याद किया जाएगा.
Hadash-Ta’al MKs Ayman Odeh and Ofer Cassif removed from Trump’s speech after holding up signs calling to “recognize Palestine.”
— Sam Sokol (@SamuelSokol) October 13, 2025
Trump quips that the ejection was “very efficient.” pic.twitter.com/0tvs7JbSAS
एरी स्पिट्ज का दिया उदाहरण
नेतन्याहू ने ट्रंप के पहले अपनी भावनात्मक स्पीच में कहा कि वह उन सैनिकों के परिवारों के दर्द को समझते हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. उन्होंने सैनिक एरी स्पिट्ज का उदाहरण दिया, जिसने संघर्ष में अपने दोनों पैर और एक हाथ गंवाया. ट्रंप ने भी स्पिट्ज की ओर देखकर सम्मान में हाथ हिलाया.
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि 7 अक्टूबर का हमला इज़राइल के दुश्मनों की एक गंभीर भूल थी और अब उन्हें यह एहसास हो गया है कि इज़राइल कभी झुकेगा नहीं. उन्होंने कहा कि हमारी ताकत ही हमारी शांति की गारंटी है.


