एक ही प्लेनेट पर रहते हैं, दादागिरी से नहीं... 'विक्ट्री डे' पर बोले शी जिनपिंग, ट्रंप को दिया दो टूक संदेश
दूसरे विश्व युद्ध में जापान पर जीत के 80 साल पूरे होने पर बीजिंग में एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया गया, जहां राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका को बिना नाम लिए सीधे तौर पर संदेश दिया.

China President to Trump: दूसरे वर्ल्ड वॉर में जापान की हार के 80 साल पूरे होने के मौके पर चीन की राजधानी बीजिंग में तीन सितंबर को भव्य मिलिट्री परेड आयोजित की गई. ये दिन चीन में हर साल 'विक्ट्री डे' के रूप में मनाया जाता है. परेड के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानमेन चौक पर सैनिकों को सलामी दी और मंच से अमेरिका को अप्रत्यक्ष रूप से दो टूक संदेश भी दिया.
राष्ट्रपति जिनपिंग ने अपने संबोधन में अमेरिका का नाम लिए बिना स्पष्ट कर दिया कि चीन किसी की धमकियों से डरने वाला नहीं है और हमेशा अपने विकास और शांति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहेगा. ये परेड चीन की सैन्य शक्ति और वैश्विक प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए एक संदेश भी थी.
शी जिनपिंग का शांति और सहयोग पर जोर
शी जिनपिंग ने कहा कि इंसान एक ही प्लैनेट पर रहते हैं इसलिए हमें मिलकर काम करना चाहिए और मिलजुलकर शांति से रहना चाहिए. ये दुनिया वापस जंगल राज में नहीं लौटनी चाहिए, जहां छोटे और कमजोर देशों को बड़े देश धमकाते रहे. उन्होंने वैश्विक शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि सभी देशों को एक-दूसरे का ध्यान रखना चाहिए ताकि युद्ध जैसी त्रासदियों से बचा जा सके. उन्होंने आगे कहा कि मानवता को शांति या युद्ध, बातचीत या टकराव और सबके लिए लाभ या नुकसान के बीच रास्ता चुनना होगा.
चीन का पुनर्जनन और नई वैश्विक व्यवस्था
शी जिनपिंग ने परेड को चीन के पुनर्जनन का प्रतीक बताया और गैर-पश्चिमी देशों के नेतृत्व में नई वैश्विक व्यवस्था की वकालत की. उन्होंने कहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास के मार्ग पर कायम रहेगा और दुनिया के अन्य देशों को एक-दूसरे के सहयोग और मदद की आवश्यकता है.
परेड में शामिल विदेशी नेताओं की उपस्थिति
इस भव्य परेड में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन, म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग हलाइंग, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव, मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको जैसे 26 विदेशी नेता मौजूद थे. यूरोप से स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको और सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुचिच भी शामिल हुए. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन विशेष ट्रेन से चीन पहुंचे और इस परेड में हिस्सा बने.


