पाकिस्तान ने दिखा दिया कि वो किसी का सगा नहीं, सदाबहार दोस्त चीन के पीठ में घोपा छुरा! क्या कोर्ट देगा राहत?
पाकिस्तान में रहने वाले छह चीनी नागरिकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इनका आरोप है कि पाकिस्तान की पुलिस उन्हें परेशान कर रही है, रिश्वत मांग रही है और उनकी आवाजाही पर रोक लगा रही है. इन नागरिकों का कहना है कि सुरक्षा के नाम पर उन्हें इतना तंग किया गया कि उनका काम पूरी तरह प्रभावित हो गया. अब सिंध हाईकोर्ट ने इस मामले में पाकिस्तान सरकार से जवाब मांगा है. क्या पाकिस्तान अपने दोस्त चीन के नागरिकों को न्याय दे पाएगा? जानिए पूरी कहानी!

PAK-China Relations: जब दो देशों को 'सदाबहार दोस्ती' का नाम दिया जाता है, तो उम्मीद की जाती है कि यह रिश्ता हर मुश्किल वक्त में एक-दूसरे का साथ देगा. ऐसा ही रिश्ता माना जाता है पाकिस्तान और चीन के बीच. लेकिन हाल की घटनाएं इस दोस्ती पर सवाल खड़े कर रही हैं. पाकिस्तान में रह रहे छह चीनी नागरिकों को इस हद तक परेशान किया गया कि उन्हें सिंध हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.
क्यों खटखटाना पड़ा कोर्ट का दरवाजा?
चीनी नागरिकों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की पुलिस न केवल उनसे रिश्वत मांगती है, बल्कि उनकी आवाजाही पर भी रोक लगा रही है. हालत इतनी खराब हो गई कि वे अपने घरों से बाहर तक नहीं निकल सकते. इन नागरिकों का कहना है कि पुलिसकर्मी सुरक्षा के नाम पर उनके बेडरूम तक में घुस जाते हैं. बाहर निकलने के लिए उन्हें 30,000 से 50,000 रुपये की रिश्वत देनी पड़ती है. यह याचिका 24 जनवरी को सिंध हाईकोर्ट में दायर की गई, जिसमें प्रांतीय गृह सचिव, पुलिस महानिरीक्षक और अन्य अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया गया है.
चीनी नागरिकों की दलील: पाकिस्तान में निवेश किया, पर मिला क्या?
चीनी नागरिकों ने अपने वकीलों के माध्यम से कहा कि वे पाकिस्तान में सभी जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद आए हैं. उन्होंने यहां बड़े पैमाने पर निवेश भी किया है. इसके बावजूद, उन्हें नजरबंद जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. उनका कारोबार ठप हो गया है और उन्हें एक असुरक्षित माहौल में जीने पर मजबूर किया जा रहा है.
'सुरक्षा' के नाम पर उत्पीड़न
पीड़ितों के वकील रहमान महसूद ने बताया कि चीनी नागरिकों को कराची और सिंध में सुरक्षा के नाम पर परेशान किया गया. पुलिसकर्मी एयरपोर्ट तक जाने से रोकते हैं और हर जगह रिश्वत की मांग की जाती है. यह उत्पीड़न पिछले 6-7 महीनों से चल रहा है.
दोस्ती पर सवाल: चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार
यह पहली बार है जब चीनी नागरिकों ने पाकिस्तान में पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया है. सिंध हाईकोर्ट ने इस मामले में चीनी दूतावास, कराची में उसके वाणिज्य दूतावास और संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.
क्या यह 'सदाबहार दोस्ती' खतरे में है?
पाकिस्तान की आर्थिक हालत वैसे ही खराब है, और चीन उसकी मदद करने वाले प्रमुख देशों में से एक है. ऐसे में चीनी नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार पाकिस्तान और चीन के रिश्तों पर असर डाल सकता है. यह मामला सिर्फ कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि दो देशों के रिश्तों की परीक्षा भी है. अब देखना यह है कि पाकिस्तान सरकार इन नागरिकों को न्याय दिलाने और अपने 'दोस्त' चीन के साथ रिश्तों को सुधारने के लिए क्या कदम उठाती है.


