10 करोड़ को राहत, दशकों पुराना अफ्रीकी युद्ध कतर की पहल से थमा!
कतर ने कांगो और रवांडा के बीच सालों से चल रही लड़ाई को रोकने का बड़ा काम किया है। अब दोनों पक्षों में शांति की उम्मीद है और करोड़ों लोगों को राहत मिल सकती है।

International News: कतर की मध्यस्थता से कांगो और रवांडा समर्थित विद्रोहियों के बीच शांति की नई शुरुआत हुई है। दशकों से पूर्वी कांगो में चल रही हिंसा ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया था। अब कतर में हुए एक ऐतिहासिक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के बाद संघर्ष विराम की घोषणा हुई है। विद्रोही गुट एम23 अब स्थायी युद्धविराम और अगस्त में शांति समझौते के लिए तैयार हो गया है। इस फैसले से करीब 10 करोड़ लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। कतर इससे पहले भी कई देशों में ऐसे ही संधि प्रयासों में सफल रहा है। अमेरिका भी इस क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए लगातार दबाव बना रहा था।
कतर ने कराया युद्ध विराम
कतर ने शनिवार को कांगो और रवांडा के विद्रोहियों के बीच एक अहम समझौता करवाया। इसमें तय हुआ कि अब लड़ाई नहीं होगी और जल्द ही एक बड़ा शांति समझौता होगा। कतर इससे पहले भी कई देशों में ऐसा करवा चुका है।
घोषणा पत्र पर हुए दस्तखत
दोनों पक्षों ने कतर में मिलकर एक दस्तावेज़ पर साइन किए। इसमें लिखा गया है कि एक महीने में पूरा शांति समझौता हो जाएगा। इससे पहले भी अमेरिका ने जून में एक समझौता करवाया था, अब उसी रास्ते पर आगे बढ़ा गया है।
लाखों लोगों को राहत मिलेगी
इस लड़ाई की वजह से कांगो के लाखों लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए। एम23 नाम के विद्रोही गुट ने कई इलाकों पर कब्जा कर लिया था। अब अगर लड़ाई रुकी रहती है तो करीब 10 करोड़ लोगों को राहत मिलेगी।
एम23 की बड़ी हिंसा
एम23 विद्रोही गुट रवांडा से मदद ले रहा है। इसने कांगो के खनिज वाले इलाकों पर कब्जा किया था। बहुत से लोग मारे गए और कई शहर बर्बाद हो गए। संयुक्त राष्ट्र ने इस संकट को दुनिया का सबसे बड़ा मानव संकट कहा है।
अमेरिका ने डाला था दबाव
अमेरिका चाहता है कि कांगो में शांति हो ताकि वहां की खनिज संपदा जैसे तांबा, सोना, कोबाल्ट और लिथियम का इस्तेमाल हो सके। राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ कहा था कि अब वहां निवेश का माहौल बनना चाहिए।
गोमा शहर पर कब्जा
जनवरी में एम23 ने कांगो के बड़े शहर गोमा पर कब्जा कर लिया था। वहां से लाखों लोग भागे। अब अगर समझौता सही से लागू होता है तो लोगों को अपने घर लौटने का मौका मिलेगा। इलाके में बड़ा युद्ध भी टल सकता है।
पड़ोसी देश भी रहे परेशान
जब लड़ाई बढ़ी, तो कांगो के कई पड़ोसी देशों ने वहां अपने सैनिक भेज दिए थे। अब उम्मीद है कि वे देश भी शांति बनाए रखने में मदद करेंगे। लोगों को अब सिर्फ एक सुरक्षित और शांत जीवन चाहिए।


