टैरिफ विवाद के बीच ट्रंप-मोदी संबंधों पर दरार, बोल्टन का खुलासा
जॉन बोल्टन ने हाल ही में कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कभी रहे नज़दीकी संबंध अब अतीत की बात हो चुके हैं. यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा हुआ है.

Trump and Modi friendship: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने हाल ही में कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कभी रहे नज़दीकी संबंध अब अतीत की बात हो चुके हैं. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा हुआ है. ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का फैसला किया, जिससे द्विपक्षीय रिश्तों में खटास और बढ़ गई है.
ट्रंप और मोदी पर बोल्टन ने क्या कहा?
ब्रिटिश मीडिया आउटलेट एलबीसी को दिए एक साक्षात्कार में बोल्टन ने कहा कि ट्रंप और मोदी का निजी रिश्ता एक समय बेहद मजबूत था, लेकिन अब वह खत्म हो चुका है. उन्होंने इसे सभी के लिए सबक बताते हुए जोड़ा कि अच्छे व्यक्तिगत रिश्ते कुछ समय तक मददगार हो सकते हैं, लेकिन वे देशों के बीच नीतिगत मतभेदों को नहीं रोक सकते. बोल्टन ने उदाहरण देते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर का नाम लिया और कहा कि नेता कभी-कभी निजी संबंधों पर बहुत भरोसा कर लेते हैं, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं होता.
बोल्टन, अप्रैल 2018 से सितंबर 2019 तक ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति पर व्यक्तिगत तालमेल को विदेश नीति का आधार बनाने का आरोप लगाया. उनके मुताबिक, ट्रंप मानते हैं कि यदि उनका किसी नेत जैसे व्लादिमीर पुतिन से अच्छा रिश्ता है, तो दोनों देशों के बीच भी स्वाभाविक रूप से अच्छे संबंध होंगे. बोल्टन ने इसे खतरनाक सोच करार दिया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति इतनी सरल नहीं होती.
सुर्खियों में रहता था मोदी और ट्रंप का भाईचारा
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बयान उस दौर की ओर इशारा करता है जब मोदी और ट्रंप के बीच भाईचारा सुर्खियों में रहता था. ह्यूस्टन की ‘हाउडी मोदी’ रैली और ट्रंप की भारत यात्रा को दोनों नेताओं की नज़दीकी का प्रतीक माना गया था. लेकिन मौजूदा हालात में यह समीकरण बदल चुका है. मोदी का हाल ही में बीजिंग में रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ दिखना भारत की नई प्राथमिकताओं का संकेत माना जा रहा है.
बोल्टन ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री समेत अन्य नेताओं को चेतावनी भी दी कि ट्रंप के साथ अच्छे व्यक्तिगत रिश्ते अस्थायी लाभ जरूर दे सकते हैं, लेकिन उनसे लंबे समय तक सुरक्षा की उम्मीद करना गलत होगा. उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ काम करने का उनका अनुभव इस बात की पुष्टि करता है कि निजी समीकरण कभी भी नीति निर्धारण पर भारी नहीं पड़ सकते.


