डोनाल्ड ट्रंप का दावा: भारत ने अमेरिका को दिया जीरो टैरिफ ट्रेड डील ऑफर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत ने अमेरिका को जीरो टैरिफ ट्रेड डील का प्रस्ताव दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में भी उनकी अहम भूमिका रही है. ट्रंप के इन बयानों से नया राजनीतिक संदेश गया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि भारत ने अमेरिका को एक जीरो टैरिफ ट्रेड डील का प्रस्ताव दिया है. ट्रंप के मुताबिक, भारत में अमेरिकी सामान बेचना हमेशा से मुश्किल रहा है, लेकिन अब भारत वॉशिंगटन के साथ शुल्क-मुक्त व्यापार समझौते के लिए तैयार है.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने गुरुवार को यह बयान दिया. इससे पहले अमेरिका ने भारत सहित कई देशों पर उच्च टैरिफ लगाए थे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया था. विशेष रूप से भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया था. जवाब में भारत ने भी अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने की चेतावनी दी थी और दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर तेज हो गया था.
अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में नया मोड़
यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप प्रशासन का रवैया चीन, वियतनाम और अन्य देशों के प्रति भी सख्त रहा है. अमेरिका ने चीन पर 145 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया है. वियतनाम पर 46 प्रतिशत टैरिफ तय किया गया है, हालांकि उसे 90 दिनों की छूट दी गई है, जिसके चलते अभी सिर्फ 10 प्रतिशत टैरिफ लागू है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे मित्र देशों पर भी अमेरिका ने 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया है.
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर यह नया प्रस्ताव दोनों देशों के लिए अहम हो सकता है. अगर यह डील सफल होती है, तो इससे न केवल व्यापार बढ़ेगा, बल्कि रणनीतिक साझेदारी भी मजबूत होगी.
भारत ने अमेरिका को टैरिफ फ्री ट्रेड डील की पेशकश की
वहीं, ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया कि भारत के "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद पाकिस्तान की ओर से हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों के बीच उन्होंने दोनों देशों से बातचीत की थी. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में अहम भूमिका निभाई. हालांकि इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन ट्रंप के इन बयानों से एक बार फिर दक्षिण एशिया की राजनीति और व्यापारिक समीकरणों पर असर पड़ सकता है.


