पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति को लीबिया अभियान मामले में 5 साल की जेल की सजा
Nicolas Sarkozy: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को लीबिया से अवैध चुनावी फंडिंग के षड्यंत्र में दोषी पाते हुए पेरिस की अदालत ने पांच साल की जेल की सजा सुनाई. अदालत ने साफ किया कि अपील के बावजूद उन्हें सजा भुगतनी होगी, जिससे फ्रांसीसी राजनीति में हलचल मच गई.

Nicolas Sarkozy: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को पेरिस की एक अदालत ने गुरुवार को पांच साल की जेल की सजा सुनाई है. अदालत ने उन्हें लीबिया के तत्कालीन नेता मुअम्मर गद्दाफी से अवैध चुनावी फंडिंग हासिल करने के मामले में आपराधिक षड्यंत्र का दोषी पाया. 70 वर्षीय सरकोजी को फिलहाल पुलिस द्वारा अदालत से बाहर ले जाने की नौबत से बचा लिया गया, क्योंकि उनकी सजा की वास्तविक शुरुआत की तारीख बाद में तय की जाएगी.
अदालत का कड़ा रुख
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकोजी यदि अपील करते हैं तब भी उन्हें जेल की सजा भुगतनी होगी. यह फैसला कई राजनीतिक हलकों में चौंकाने वाला माना जा रहा है, क्योंकि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपतियों को अब तक ऐसे गंभीर आपराधिक मामलों में बहुत कम ही सजा मिली है.
आरोप और अदालत का फैसला
सरकोजी पर आरोप था कि उन्होंने 2005 से 2007 के बीच गुप्त रूप से लीबिया से चुनावी चंदा लियाय. आरोप यह भी था कि बदले में उन्होंने गद्दाफी शासन को राजनयिक लाभ पहुंचाने का वादा किया था. हालांकि अदालत ने उन्हें निष्क्रिय भ्रष्टाचार, अवैध चुनावी फंडिंग और सार्वजनिक धन के गबन जैसे तीन अन्य आरोपों से बरी कर दिया.
अदालत ने यह भी कहा कि वे इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि 2007 के चुनाव में लीबियाई धन का वास्तविक उपयोग हुआ. फिर भी फ्रांसीसी कानून के तहत, किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचारपूर्ण षड्यंत्र अपराध माना जाएगा, चाहे धन का लेन-देन हुआ हो या नहीं.
सहयोगियों की भूमिका
इस मामले में सरकोजी के करीबी सहयोगियों पर भी शिकंजा कसा गया है. उनके पूर्व मंत्री क्लाउड गुएंट और ब्राइस होर्टेफ्यूक्स को आपराधिक संगठन का हिस्सा होने का दोषी ठहराया गया. अदालत ने पाया कि ये दोनों लोग लीबियाई अधिकारियों से फंड जुटाने के लिए सक्रिय रूप से संपर्क में थे.
सरकोजी का बचाव
सुनवाई के दौरान सरकोजी ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से इनकार किया. उनका कहना था कि उन्होंने कभी लीबिया से चुनावी फंड नहीं लिया. अदालत में सजा सुनाए जाने के समय उनकी पत्नी, गायिका और मॉडल कार्ला ब्रूनी-सरकोजी भी मौजूद थीं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
निकोलस सरकोजी 2007 में फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गए थे, लेकिन 2012 में पुनः चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उनके राजनीतिक करियर पर लंबे समय से कानूनी विवादों का साया रहा है, लेकिन यह फैसला उनके लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है.


