चौवालीस मौत और तीन सौ लापता, क्या जांच में अब कोई चौंकाने वाला खुलासा होगा
हांगकांग के ताई पो जिले में एक हाईराइज सोसायटी में भीषण आग लग गई। इस हादसे में 44 मौतें हुईं और करीब 300 लोग लापता हैं। जांच में हत्या की आशंका जताई गई है।

International News: हांगकांग के उत्तरी ताई पो इलाके में बुधवार को एक हाईराइज सोसायटी में अचानक भीषण आग लग गई जिसने पूरे क्षेत्र को दहशत में डाल दिया। आग इतनी तेज़ी से फैली कि देखते ही देखते सात ऊंची इमारतें इसकी चपेट में आ गईं। इस घटना में 44 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि लगभग 300 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। कई स्थानीय निवासियों का कहना है कि आग इतनी अचानक लगी कि किसी को बचने का मौका तक नहीं मिला। शुरुआती जानकारी के अनुसार कुछ मरम्मत का काम चल रहा था और उसी दौरान आग भड़की।
क्या यह केवल दुर्घटना थी
पुलिस ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए तीन लोगों को गैर इरादतन हत्या के शक में गिरफ्तार किया है। दावा किया जा रहा है कि गिरफ्तार लोगों का इस आग से सीधा संबंध हो सकता है। स्थानीय मीडिया के अनुसार आग शुरू होने के बाद सिर्फ एक इमारत पर काबू पाया जा सका, बाकी में लपटें तेज़ होती गईं। कई लोगों ने आरोप लगाया कि आग लगने के तुरंत बाद अलार्म ठीक से नहीं बजा और इससे नुकसान बढ़ गया। इस मामले ने प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या निर्माण कार्य बना कारण
घटना जिस हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में हुई उसका नाम वांग फुक कोर्ट बताया जा रहा है, जिसमें करीब 1,984 फ्लैट हैं और 4,000 लोग रहते हैं। जानकारी के अनुसार 32 मंज़िला टावर की बाहरी बांस की मचान पर आग भड़की और उसी से आग सात इमारतों में फैल गई। तेज हवाओं और निर्माण सामग्री के कारण लपटें तेजी से ऊंचाई पर पहुंचीं। कई लोगों को धुएं और गिरते मलबे से सामना करना पड़ा जिससे बचाव मुश्किल हो गया।
क्यों भागना पड़ा लोगों को
भयंकर स्थिति को देखते हुए लगभग 900 लोगों को तुरंत अस्थायी आश्रयों में भेजना पड़ा। बचाव कार्य के लिए 140 से अधिक फायर ट्रक और 60 एम्बुलेंस तैनात की गईं। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि कई निवासी उम्रदराज़ थे और तेजी से बाहर निकलना उनके लिए संभव नहीं था। जलती हुई मचान और गिरते टुकड़ों के कारण रास्ते बाधित हो गए जिससे ऑपरेशन में अतिरिक्त कठिनाई आई।
क्या जांच से सच सामने आएगा
हांगकांग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन ली ने कहा कि प्रारंभिक जांच चल रही है और लापता लोगों की तलाश पर तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस और अग्निशमन विभाग ने कारणों की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई है। आग को आधी रात के कुछ समय बाद नियंत्रित किया गया लेकिन नुकसान इतना अधिक था कि हालात अभी भी संवेदनशील हैं।
क्या यह दशकों का सबसे बड़ा हादसा
स्थानीय मीडिया का कहना है कि पिछले कई दशकों में यह हांगकांग की सबसे भीषण आग मानी जा रही है। इससे पहले नवंबर 1996 में कॉव्लून की एक व्यावसायिक इमारत में लगी आग में 41 लोगों की मौत हुई थी जो करीब 20 घंटे तक जलती रही। इस घटना ने वहां की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए थे। अब इस नई घटना ने एक बार फिर शहर की तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब आगे क्या कदम उठेंगे
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जांच में लापरवाही या जानबूझकर की गई गलती साबित हुई तो कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा। लापता व्यक्तियों की तलाश प्राथमिकता पर होगी और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के उपाय जल्द लागू किए जाएंगे। पूरी दुनिया की निगाहें अब इस बात पर हैं कि हांगकांग इस त्रासदी से कैसे उबरता है।


