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भारत के खिलाफ ट्रंप के कड़े नीति का असर, प्रतिदिन वापस भेजे जा रहे 8 भारतीय

डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद 2025 में अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इस वर्ष अब तक 1,703 भारतीयों को वापस भेजा गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में दोगुना से अधिक है. पंजाब और हरियाणा से सबसे अधिक लोग निर्वासित हुए हैं. भारत ने अमेरिका से अनुरोध किया है कि निर्वासन प्रक्रिया में सम्मानजनक और संवेदनशील तरीके से व्यवहार किया जाए.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रम्प के फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से भारतीय नागरिकों की अमेरिका से जबरन वापसी में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है. यह कोई रहस्य नहीं रहा कि अमेरिका में प्रवास कानूनों को पहले से कहीं अधिक सख्ती से लागू किया जा रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जहां 2020 से 2024 के बीच औसतन प्रतिदिन 3 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा जाता था, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर लगभग 8 प्रतिदिन हो गई है.

पांच सालों में 7,244 भारतीय वापस भेजे गए

आपको बता दें कि भारत के विदेश मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी किया है, जिसके अनुसार, जनवरी 2020 से जुलाई 2025 के बीच कुल 7,244 भारतीयों को विभिन्न कारणों से अमेरिका से भारत वापस भेज दिया गया. इनमें से लगभग एक-चौथाई, यानी 1,703 लोगों को ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद सिर्फ छह महीनों के भीतर ही निर्वासित किया गया. यह साफ संकेत है कि ट्रम्प प्रशासन के आते ही अमेरिका ने प्रवासियों पर अपनी नीति को कहीं अधिक सख्त बना दिया है.

वीजा मिलने के बाद भी निगरानी जारी
26 जून को अमेरिकी विदेश विभाग ने सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट किया कि वीज़ा केवल एक बार की प्रक्रिया नहीं है. उन्होंने कहा कि वीज़ा मिलने के बाद भी धारकों की नियमित निगरानी की जाती है, और यदि वे अमेरिकी कानूनों या आव्रजन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उनका वीज़ा रद्द करके उन्हें वापस भेजा जा सकता है. यह चेतावनी सिर्फ अवैध प्रवासियों के लिए नहीं थी, बल्कि वैध वीज़ा धारकों के लिए भी थी.

अवैध प्रवासियों के लिए सख्त संदेश
इस चेतावनी से दो दिन पहले अमेरिका ने अवैध प्रवासियों के लिए और भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि अब कानूनों को पहले से कहीं ज़्यादा सख्ती से लागू किया जा रहा है. अमेरिका ने स्पष्ट किया कि अवैध तरीके से प्रवेश करने वालों को हिरासत में लिया जाएगा, उनके नाम रिकॉर्ड में स्थायी रूप से दर्ज किए जाएंगे, और भविष्य में वीज़ा मिलने की संभावना समाप्त हो जाएगी.

विशेष उड़ानों से बड़े पैमाने पर वापसी
2025 में निर्वासित किए गए 1,703 भारतीयों में से 864 लोगों को सरकारी चार्टर्ड और सैन्य विमानों के ज़रिए वापस भेजा गया. इनमें से 333 लोगों को अमेरिकी बॉर्डर सुरक्षा बलों ने फरवरी में तीन अलग-अलग दिनों में सैन्य उड़ानों द्वारा भारत भेजा. वहीं, अमेरिका की इमिग्रेशन और कस्टम्स एजेंसी ICE ने मार्च और जून में कुल 231 भारतीयों को चार्टर्ड फ्लाइट्स से भेजा. जुलाई में अमेरिकी सुरक्षा विभाग DHS ने दो उड़ानों में 300 भारतीयों को भारत भेजा.

बेड़ियों में बांधकर वापस भेजा गया 
इन जबरन निकाले गए लोगों में से 747 को वाणिज्यिक उड़ानों से भेजा गया. ये लोग अकेले या छोटे समूहों में लौटे, जैसे-जैसे उनके टिकट की व्यवस्था होती गई. इसी तरह 72 लोगों को पनामा से व्यावसायिक उड़ानों द्वारा भारत भेजा गया. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहा है कि निर्वासन की प्रक्रिया “मानवीय” हो. भारत ने यह चिंता भी जताई है कि कई मामलों में महिलाओं और बच्चों को बेड़ियों में रखा गया, जो सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है.

पंजाब और हरियाणा सबसे आगे
2025 में जिन भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया, उनमें से लगभग 90% केवल पांच राज्यों से थे. पंजाब इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां से 620 लोगों को निकाला गया. इसके बाद हरियाणा से 604 लोग भेजे गए, जिससे दोनों राज्यों का कुल मिलाकर हिस्सा 70% से भी अधिक हो गया. तीसरे स्थान पर गुजरात है, जहां से 245 लोग निकाले गए. उत्तर प्रदेश से 38 और गोवा से 26 लोगों को वापस भेजा गया.

बाकी राज्यों की स्थिति
अन्य राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र और दिल्ली से 20-20, तेलंगाना से 19, तमिलनाडु से 17 और आंध्र प्रदेश व उत्तराखंड से 12-12 लोगों को निर्वासित किया गया. कर्नाटक की संख्या सबसे कम रही, जहाँ से केवल 5 लोगों को वापस भेजा गया. यह साफ़ दिखाता है कि अवैध प्रवासन की समस्या कुछ ख़ास राज्यों में अधिक केंद्रित है.

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02 August 2025, 04:08 PM IST

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