UN में भारत ने पाकिस्तान को किया बेनकाब, आतंकवाद को लेकर उठाए गंभीर सवाल
India-Pakistan Relations: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में हालिया पहलगाम आतंकवादी हमले के मामले में पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. भारत ने पाकिस्तान को 'दुष्ट राज्य' करार देते हुए आतंकवाद के समर्थन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की अपील की.

India-Pakistan Relations: भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए पठानकोट आतंकवादी हमले को उठाया और पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे, और यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे खतरनाक आतंकी घटना साबित हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र में 'विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म एसोसिएशन नेटवर्क' के उद्घाटन के दौरान भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि, एम्बेसेडर योगना पटेल ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और पाकिस्तान को इस मुद्दे पर बिना नाम लिए आड़े हाथों लिया. पटेल ने पाकिस्तान को इसके झूठे आरोपों और भारत के खिलाफ प्रचार का दोषी ठहराया और कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादी समूहों को ट्रेनिंग, समर्थन और वित्तीय मदद देने की खुलकर स्वीकारोक्ति की है.
#WATCH | Ambassador Yojna Patel, India's Deputy Permanent Representative at the UN says, "The Pahalgam terrorist attack represents the largest number of civilian casualties since the horrific 26/11 Mumbai attacks in 2008. Having been a victim of cross-border terrorism for… pic.twitter.com/ltwQxJN2iP
— ANI (@ANI) April 29, 2025
पाकिस्तान को करार दिया 'दुष्ट राज्य'
भारत ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक 'दुष्ट राज्य' के रूप में उजागर किया. आसिफ ने एक हालिया साक्षात्कार में पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों का समर्थन करने की बात स्वीकार की थी. योगना पटेल ने कहा, "पूरी दुनिया ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण, वित्तपोषण और समर्थन देने की खुली स्वीकारोक्ति करते हुए सुना है."
भारत ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
पटेल ने कहा कि इस स्वीकारोक्ति ने पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन में एक अपरिवर्तनीय स्थिति में दिखाया है और अब पूरी दुनिया को इसे नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए. उन्होंने पाकिस्तान की गतिविधियों को "विश्व को अस्थिर करने वाली" करार देते हुए चेतावनी दी कि इस तरह के राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रियाएं
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले सप्ताह पठानकोट आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए. सुरक्षा परिषद ने एक बयान में कहा, "यह आतंकवादी हमला न केवल कश्मीर बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक है और इसके आयोजकों, वित्तपोषकों और समर्थकों को न्याय के लिए लाना चाहिए."
यह हमला 22 अप्रैल को हुआ था, जब आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन मैदान पर पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी. इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली थी, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन 'लश्कर-ए-तैयबा' का एक प्रॉक्सी समूह है.
भारत ने उठाए कड़े कदम
इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक और सुरक्षा संबंधी कई कदम उठाए हैं. इनमें 1960 का इंदुस वाटर समझौता निलंबित करना, अटारी स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट से व्यापार बंद करना, और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को निलंबित करना शामिल है. भारत ने पहले से भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 40 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश भी दिया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंध भी तनावपूर्ण हो गए हैं, दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायोगों में राजनयिक कर्मचारियों की संख्या घटा दी है. भारतीय अधिकारियों ने इन कदमों को "आवश्यक और उचित" बताते हुए पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को निराधार बताया है और भारत के खिलाफ प्रतिशोध की चेतावनी दी है.


