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‘जियो-पॉलिटिकल रीमैपिंग’ पर ईरान का वार, पाकिस्तान-अजरबैजान गठजोड़ को झटका

ईरान ने अजरबैजान को बड़ा झटका देते हुए अर्मेनिया का खुला समर्थन किया है. ईरान के रक्षा मंत्री की येरेवन यात्रा के दौरान स्पष्ट संदेश दिया गया कि काकेशस क्षेत्र की सीमाएं किसी भी हाल में नहीं बदलेंगी. यह बयान अजरबैजान-तुर्किए की रणनीति पर सीधा प्रहार है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

Iran Supports Armenia Against Azerbaijan: भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव के बीच अजरबैजान हमेशा पाकिस्तान के खेमे में खड़ा नजर आया है. लेकिन इस बार जब अजरबैजान ने भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया, तो भारत ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. इसकी ज़रूरत भी नहीं पड़ी, क्योंकि भारत की तरफ से उसकी कूटनीतिक ज़मीन को बचाने का काम ईरान ने बखूबी कर दिया.

ईरान ने अजरबैजान और तुर्किए की उस योजना पर तीखा विरोध दर्ज कराया, जिसके तहत वे अर्मेनिया के दक्षिणी हिस्से को काटकर नखिचेवान तक सीधा रास्ता बनाना चाहते थे. इस योजना को ‘जियो-पॉलिटिकल रीमैपिंग’ यानी क्षेत्रीय नक्शे में बदलाव कहा जा रहा था. लेकिन ईरान ने साफ कर दिया कि वह किसी भी देश को अपनी सीमाओं में इस प्रकार की छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं देगा.

ईरान ने दी अजरबैजान को सख्त चेतावनी

ईरान का यह सख्त रुख अजरबैजान के आत्मविश्वास पर चोट करने जैसा है, खासकर 2020 की नागोर्नो-काराबाख जंग के बाद से जब अजरबैजान काफी आक्रामक हो गया था. अब ईरान ने यह साफ कर दिया है कि अगर अर्मेनिया को भौगोलिक रूप से कमजोर किया गया, तो वह मूक दर्शक नहीं बना रहेगा.

अर्मेनिया के साथ बढ़ी ईरान की साझेदारी

ईरान के रक्षा मंत्री की अर्मेनिया की राजधानी येरेवन यात्रा केवल एक औपचारिक कूटनीतिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि एक ताकतवर राजनीतिक संदेश था. इस यात्रा के दौरान उन्होंने अर्मेनिया की सीमाओं की सुरक्षा को ईरान की रणनीतिक प्राथमिकता बताया और यह साफ किया कि ईरान की विदेश नीति धार्मिक भावनाओं से नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और क्षेत्रीय स्थिरता के आधार पर संचालित होती है.

भारत के लिए बिना लड़े मिली जीत

इस पूरे घटनाक्रम में भारत की भूमिका शांत लेकिन असरदार रही. उसने अजरबैजान के पाकिस्तान समर्थक रवैये पर कोई सीधा बयान नहीं दिया, लेकिन ईरान के हस्तक्षेप ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत की स्थिति को मजबूत कर दिया. भारत और अर्मेनिया के बीच पहले से रक्षा सहयोग है और अब ईरान की इस भागीदारी से यह त्रिकोण और मज़बूत हो गया है.

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23 May 2025, 08:55 AM IST

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