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ढाका में लगने वाला है लॉकडाउन? मो. यूनुस को सता रहा किस बात का डर, सड़कों पर भारी पुलिसफोर्स तैनात

ढाका में 13 नवंबर के प्रस्तावित लॉकडाउन से पहले यूनुस सरकार ने 7,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ बड़े सुरक्षा अभ्यास किए. हसीना समर्थकों की संभावित गतिविधियों और आगामी ट्रिब्यूनल फैसले को लेकर तनाव बढ़ा है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भले ही देश में मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक पकड़ अब भी इतनी मजबूत है कि मौजूदा अंतरिम यूनुस सरकार पूरी तरह सतर्क मोड में आ गई है. हसीना समर्थकों द्वारा प्रस्तावित ढाका लॉकडाउन कार्यक्रम ने सरकार को इतना चिंतित कर दिया कि राजधानी को छावनी जैसा बना दिया गया. शनिवार को ढाका पुलिस ने बड़े पैमाने पर एक समन्वित सुरक्षा अभ्यास किया, जिसने शहर की सुरक्षा स्थिति को अचानक बेहद कड़ा कर दिया.

7,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती

रिपोर्टों के अनुसार, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने शहर के 142 संवेदनशील स्थानों पर करीब 7,000 पुलिसकर्मियों को अभ्यास के लिए तैनात किया. इस सुरक्षा कवायद में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के आवास को भी शामिल किया गया, क्योंकि प्रशासन को आशंका है कि अवामी लीग के भंग होने के बाद उसके समर्थक 13 नवंबर को बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतर सकते हैं.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राजधानी में पुलिस की मौजूदगी सामान्य से कई गुना अधिक दिखाई दी, जिससे स्थानीय लोगों में आगामी तारीख को हिंसा या तनाव की आशंका और बढ़ गई है. कई चौक-चौराहों पर दंगा-रोधी गियर के साथ पुलिसकर्मी तैनात दिखे. पैदल यात्रियों के बैग चेक किए जा रहे थे और वाहनों की सघन जांच चल रही थी.

कानून-व्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंता

यह सुरक्षा सख्ती ऐसे समय में की जा रही है जब अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल शीख हसीना के खिलाफ मानवता-विरोधी अपराधों के मामले में फैसला सुनाने की तारीख घोषित करने वाला है. हसीना की अनुपस्थिति में चल रहे मुकदमों ने उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं में असंतोष को और बढ़ा दिया है. ढाका पुलिस ने इस भारी सुरक्षा तैनाती को नियमित अभ्यास बताया, लेकिन अधिकारियों ने स्वीकार किया कि इसका उद्देश्य संभावित हिंसा को रोकना भी है.

आपात स्थिति से निपटने की तैयारियां

ढाका पुलिस के प्रवक्ता मुहम्मद तालेबुर रहमान ने कहा कि यह अभ्यास उनका नियमित त्वरित प्रतिक्रिया प्रशिक्षण है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके. उन्होंने बताया कि वरिष्ठ और कनिष्ठ दोनों स्तरों के अधिकारी इस ड्रिल का हिस्सा थे.

हसीना सरकार का तख्तापलट

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह मेगा ड्रिल 13 नवंबर के ढाका लॉकडाउन से पहले एक निवारक संदेश भी था. दिलचस्प बात यह है कि तीन दिन पहले ही सेना ने पिछले डेढ़ साल से पुलिस की मदद कर रहे 60,000 सैनिकों में से लगभग आधे को वापस बुला लिया. सेना ने इसे आराम और प्रशिक्षण की जरूरत बताते हुए उचित ठहराया, लेकिन साथ ही फरवरी 2025 के चुनावों के दौरान पूरी तैयारी के साथ बल उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया.

पांच अगस्त 2024 को छात्रों के नेतृत्व में हुए जनआंदोलन ने हसीना सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया. हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी. उनकी पार्टी अवामी लीग के कई नेता गिरफ्तारी से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए, जबकि कई अभी भी कानूनी मामलों में उलझे हैं. अदालतों द्वारा ज़मानत याचिकाएँ खारिज किए जाने से स्थिति और कठिन हो गई है.

हसीना के सत्ता से हटने के बाद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस पेरिस से लौटे और छात्र आंदोलन के समर्थन से अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभाला. उन्होंने घोषणा की कि अवामी लीग तब तक पुनर्गठित नहीं होगी जब तक उसके नेताओं पर लगे आरोपों पर न्याय नहीं हो जाता.

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09 November 2025, 09:47 AM IST

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