इजरायल बसाएगा कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 22 यहूदी बस्तियां, क्या भड़केगा मिडिल ईस्ट?
Israel West Bank settlements: इजरायल ने गुरुवार को कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 22 नई यहूदी बस्तियां बसाने की घोषणा की है. इनमें कुछ नई बस्तियां शामिल होंगी, जबकि कुछ अवैध आउटपोस्ट्स को वैधता दी जाएगी. इस फैसले से फिलिस्तीनी राज्य की संभावनाओं को झटका लग सकता है और क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है.

Israel West Bank settlements: इजरायल ने गुरुवार को घोषणा की कि वह कब्जे वाले वेस्ट बैंक क्षेत्र में 22 नई यहूदी बस्तियों की स्थापना करेगा. इनमें कुछ बस्तियां नई होंगी, जबकि कुछ अवैध रूप से पहले से बनी बस्तियों को अब वैध मान्यता दी जाएगी. इस फैसले को इजरायली सरकार ने फिलिस्तीनी आतंकवाद के जवाब और अपने ऐतिहासिक अधिकार की पुष्टि के रूप में प्रस्तुत किया है.
1967 के मिडिल ईस्ट युद्ध में इजरायल ने वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था. फिलिस्तीनी इन तीनों क्षेत्रों को अपने भविष्य के स्वतंत्र राष्ट्र का हिस्सा मानते हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बड़ी हिस्सेदारी इजरायली बस्तियों को अवैध मानती है और इन्हें दशकों पुराने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के समाधान में बाधा के रूप में देखती है.
रक्षा मंत्री का बयान
इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने इस निर्णय को "यहूदी और सामरिया (वेस्ट बैंक के लिए बाइबिलीय शब्द)" में देश की पकड़ को मजबूत करने वाला बताया. उन्होंने कहा, "यह फैसला न केवल हमारे ऐतिहासिक अधिकार को मजबूत करता है, बल्कि यह फिलिस्तीनी आतंकवाद का करारा जवाब है. साथ ही, यह एक रणनीतिक कदम है जो एक ऐसे फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को रोकता है जो इजरायल के लिए खतरा बन सकता है."
पहले से बनी 100 से अधिक बस्तियां
वर्तमान में इजरायल वेस्ट बैंक में 100 से अधिक यहूदी बस्तियां पहले से ही बना चुका है, जिनमें लगभग 5 लाख यहूदी बसते हैं. ये बस्तियां कहीं छोटी पहाड़ी पोस्ट के रूप में हैं, तो कहीं पूरी तरह विकसित कॉलोनियों के रूप में जिनमें अपार्टमेंट, मॉल, फैक्ट्री और पार्क तक शामिल हैं.
वहीं, वेस्ट बैंक में लगभग 30 लाख फिलिस्तीनी रहते हैं, जो इजरायली सैन्य शासन के अधीन हैं. इनके शहरी क्षेत्रों का संचालन पश्चिमी समर्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण करता है. यहूदी बसने वालों को इजरायली नागरिकता प्राप्त है.
फिलिस्तीनियों की प्रतिक्रिया
इजरायल ने 2005 में गाजा पट्टी से अपनी बस्तियां हटा ली थीं, लेकिन अब वर्तमान सरकार के कई शीर्ष नेता वहां फिर से यहूदी बस्तियां बसाने की मांग कर रहे हैं. वे इसे "स्वैच्छिक प्रवासन" कहकर फिलिस्तीनियों को वहां से हटाने की योजना बना रहे हैं.
फिलिस्तीनी इन योजनाओं को अपने जबरन निष्कासन की रूपरेखा मानते हैं और विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हो सकता है. पर्यावरण विशेषज्ञ प्रोफेसर याकोव गार्ब के अनुसार, इजरायल अब गाजा के 70 प्रतिशत से अधिक हिस्से को नियंत्रित कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और अमेरिका की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने पिछले वर्ष फैसला दिया था कि इजरायल का फिलिस्तीनी क्षेत्रों में सैन्य कब्जा अवैध है और उसे तुरंत बस्तियों का निर्माण रोकना चाहिए. हालांकि, इजरायल ने इस निर्णय को खारिज करते हुए कहा कि यह क्षेत्र यहूदी लोगों की ऐतिहासिक मातृभूमि का हिस्सा हैं.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने इजरायली बस्तियों को वैधता देने की दिशा में कदम उठाए थे. वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडेन की नीति इसका विरोध करती रही है, लेकिन उन्होंने इजरायल पर ज्यादा दबाव नहीं डाला.
गाजा में युद्ध और मानवीय संकट
7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध में अब तक इजरायल की जवाबी कार्रवाई में गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 54,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. हमास के हमले में करीब 1,200 इजरायली नागरिक मारे गए थे और 251 को बंधक बना लिया गया था. उनमें से अभी भी 58 बंधक हमास के पास हैं.


