इजरायली सेना ने फलस्तीनियों को गाजा सिटी छोड़ने के लिए कहा, नेतन्याहू ने सेना को दिया बड़ा आदेश
इजरायल और हमास के बीच चल रहा संघर्ष रूकने का नाम नहीं ले रहा है. इजरायली सेना ने गाजा सिटी में रहने वाले लाखों नागरिकों से अपील की है कि वे शहर छोड़कर दक्षिणी हिस्से में बनाए गए सुरक्षित क्षेत्रों की ओर चले जाएं.

Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच चल रहे लंबे संघर्ष का केंद्र बना गाजा सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है. इजरायली सेना ने यहां रहने वाले लाखों नागरिकों से अपील की है कि वे शहर छोड़कर दक्षिणी हिस्से में बनाए गए सुरक्षित क्षेत्रों की ओर चले जाएं. लेकिन बड़ी संख्या में लोग अपने घर और शहर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
इजरायली सेना का कहना है कि गाजा पट्टी के सबसे बड़े शहर को खाली कराने के पीछे उसका मकसद हमास के खिलाफ सीधी सैन्य कार्रवाई करना है. करीब दो साल से जारी लड़ाई में यह इलाका ऐसा है जिस पर सेना पूरी तरह कब्जा नहीं कर पाई है. सेना का दावा है कि हालिया हमलों में उसने बाहरी इलाकों पर नियंत्रण कर लिया है, लेकिन शहर का भीतरी हिस्सा अब भी हमास के कब्जे में है.
हमास के पास करीब 48 बंधक
इजरायल को संदेह है कि हमास ने यहां कई इजरायली नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है. ताजा आकलन के मुताबिक, हमास के पास करीब 48 बंधक हैं, जिनमें से केवल 20 के जीवित होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसीलिए सेना लगातार जमीनी कार्रवाई के साथ-साथ हवाई हमले भी कर रही है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गाजा सिटी पर कब्जा किया जाए और यहां की सुरक्षा का दायित्व पूरी तरह इजरायल अपने हाथ में ले.
गाजा सिटी के बाहरी हिस्सों से लोग सुरक्षा के मद्देनजर पलायन कर चुके हैं, लेकिन मध्य भाग में अभी भी लाखों लोग फंसे हुए हैं. इजरायली घेराबंदी के कारण उन्हें भोजन और आवश्यक सामग्री तक मिलना मुश्किल हो रहा है.
अब तक 64 हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत
संघर्ष के 23 महीने बीतने के बाद अब तक 64 हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है. यह आंकड़ा क्षेत्र में जारी मानवीय संकट की गंभीरता को दिखाता है. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया है कि उनके अधिकारी हमास के साथ गहन वार्ताओं में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि इन वार्ताओं का परिणाम ही गाजा और वहां के लोगों के भविष्य को तय करेगा.
गाजा सिटी की मौजूदा स्थिति यह संकेत देती है कि संघर्ष अभी थमने वाला नहीं है. एक ओर इजरायल निर्णायक कार्रवाई के मूड में है. वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार दोनों पक्षों से संयम बरतने और मानवीय त्रासदी रोकने की अपील कर रहा है.


