ट्रेन से बीजिंग पहुंच रहे किम जोंग, शी जिनपिंग और पुतिन के साथ भव्य परेड में होंगे शामिल...
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन बीजिंग पहुंचे, जहां वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और जापान पर जीत की 80वीं वर्षगांठ परेड में शामिल होंगे. यह किम का 2019 के बाद पहला चीन दौरा है. उनकी यात्रा को चीन और रूस संग रिश्ते मजबूत करने और अमेरिका के खिलाफ साझा रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

Kim Jong Un China visit : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन मंगलवार को विशेष ट्रेन से बीजिंग पहुँच रहे हैं, जहां वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक भव्य सैन्य परेड में शामिल होंगे. यह परेड बुधवार को आयोजित होगी, जो द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और जापान पर चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है. यह पहली बार होगा जब किम, शी और पुतिन एक ही मंच साझा करेंगे, जिसे अमेरिका के खिलाफ एकजुटता के प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है.
किम के साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल
पुतिन और शी से मुलाकात की संभावना
रूस के राष्ट्रपति पुतिन पहले ही SCO सम्मेलन और इस परेड में भाग लेने के लिए चीन पहुँच चुके हैं. क्रेमलिन ने संकेत दिया है कि पुतिन और किम के बीच अलग बैठक हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि किम-शी द्विपक्षीय वार्ता और संभावित त्रिपक्षीय बैठक की भी संभावना है. पिछले वर्षों में उत्तर कोरिया ने रूस से अपने संबंध और मजबूत किए हैं, खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान सैनिकों और हथियारों की आपूर्ति कर. इसके बदले रूस से उसे सैन्य और आर्थिक मदद मिली है.
चीन-उत्तर कोरिया रिश्तों में सुधार की कोशिश
किम का यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल के समय में चीन और उत्तर कोरिया के संबंधों में कुछ तनाव देखा गया था. चीन, उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और आर्थिक मदद का प्रमुख स्रोत भी. ऐसे में किम इस यात्रा को रिश्तों में सुधार और साझेदारी गहरी करने की रणनीति के तौर पर देख रहे हैं. इसके अलावा, उत्तर कोरिया अमेरिका के खिलाफ चीन और रूस जैसे देशों के साथ मिलकर वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है.
मिसाइल कार्यक्रम पर फोकस और अमेरिकी प्रतिक्रिया
बीजिंग रवाना होने से पहले किम ने उत्तर कोरिया के मिसाइल संस्थान का दौरा किया और नई पीढ़ी की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) इंजन के विकास की समीक्षा की. यह मिसाइल कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बताई जा रही है, जो अमेरिकी रक्षा तंत्र को चुनौती दे सकती है. ऐसे समय में जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया बातचीत की पेशकश कर रहे हैं, किम ने वार्ता को ठुकराकर अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने का संकेत दिया है.


