भारत से अच्छे हैं जापान के रिश्ते...जानिए पाकिस्तान से कैसे हैं संबंध
पाकिस्तान से तनाव के बीच पीएम मोदी आज जापान पहुंचे. इसी कड़ी में एक नजर जापान-पाकिस्तान के रिश्ते पर डालते हैं. साल 1952 में औपचारिक रूप से शुरू हुए जापान और पाकिस्तान के कूटनीतिक संबंध अब 73 वर्ष पूरे कर चुके हैं.

Japan Pakistan Relations: साल 1952 में औपचारिक रूप से शुरू हुए जापान और पाकिस्तान के कूटनीतिक संबंध अब 73 वर्ष पूरे कर चुके हैं. पाकिस्तान की आज़ादी के महज पांच साल बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाया. उस समय जापान द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अपनी विदेश नीति को नए सिरे से गढ़ रहा था और पाकिस्तान उन शुरुआती मुस्लिम देशों में था जिसने जापान का साथ दिया.
आज दोनों देशों के रिश्तों का आधार मुख्यतः व्यापार, निवेश और विकास सहायता है. भारत–जापान की तरह रणनीतिक साझेदारी का स्तर यहां नहीं है, लेकिन आर्थिक सहयोग ने इन संबंधों को स्थिर बनाए रखा है.
व्यापारिक पहलू
जापान पाकिस्तान का अहम व्यापारिक साझेदार है. पाकिस्तान से जापान को कपास, वस्त्र, चमड़ा, चावल और समुद्री भोजन निर्यात होता है, जबकि जापान से पाकिस्तान में ऑटोमोबाइल, औद्योगिक मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन और चिकित्सा उपकरण आते हैं. टोयोटा, सुज़ुकी और होंडा जैसी जापानी कंपनियों की गाड़ियां पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय हैं. दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार औसतन तीन बिलियन डॉलर के आसपास है. हालांकि, पाकिस्तान का निर्यात जापान की तुलना में बहुत कम है, जिससे उसका व्यापार घाटा बढ़ा रहता है.
निवेश और विकास सहयोग
जापान ने पाकिस्तान को शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण मदद दी है. जापानी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) कराची और अन्य शहरों में जल व बिजली आपूर्ति सुधार, सड़क और पुल निर्माण तथा अस्पतालों की परियोजनाएं चला रही है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में जापानी निवेश पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. 2005 के भूकंप और 2010 की बाढ़ जैसी आपदाओं में भी जापान ने मानवीय सहयोग दिया.
कर्ज और वित्तीय मदद
जापान ने पाकिस्तान को अब तक लगभग 10 बिलियन डॉलर से अधिक की सॉफ्ट लोन सहायता दी है. ये ऋण ऊर्जा परियोजनाओं, जल प्रबंधन और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं में लगाए गए. इसके अतिरिक्त शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुदान भी मिलता रहा है.
राजनीतिक और कूटनीतिक रुख
जापान पाकिस्तान से बातचीत में आतंकवाद, परमाणु गतिविधियां और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों को उठाता है, लेकिन उसकी सुरक्षा साझेदारी भारत जितनी गहरी नहीं है. कश्मीर मुद्दे पर जापान हमेशा तटस्थ रहा है और दोनों देशों को आपसी संवाद से समाधान निकालने की सलाह देता है.
सांस्कृतिक और शैक्षणिक सहयोग
कई पाकिस्तानी छात्र जापान की यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ाई करते हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रम और भाषा शिक्षा से दोनों देशों के लोग करीब आए हैं. पाकिस्तानी टूना मछली और सर्जिकल उपकरण जापानी बाज़ार में अपनी जगह बनाए हुए हैं.
कुल मिलाकर, जापान और पाकिस्तान का रिश्ता एक संतुलित साझेदारी है, जहां आर्थिक हित और विकास सहयोग सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं. रणनीतिक दृष्टि से यह संबंध भारत-जापान जितना गहरा नहीं है, लेकिन व्यापार और मानवीय सहयोग इसे स्थिर बनाए हुए हैं.


