कंबोडियाई नेता के साथ लीक हुई फोन कॉल, थाई अदालत ने प्रधानमंत्री को किया बर्खास्त
थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा को नैतिक उल्लंघन और फोन कॉल लीक मामले में अदालत ने पद से बर्खास्त कर दिया. अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई हैं. नए प्रधानमंत्री के लिए कई संभावित उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं और संसद में मतदान की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी.

Paetongtarn Shinawatra: थाईलैंड में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा को अदालत ने उनके पद से हटा दिया है. अदालत ने उन्हें नैतिक मानकों के उल्लंघन का दोषी पाया, जिससे एक वर्ष पहले शुरू हुआ उनका कार्यकाल अचानक समाप्त हो गया.
लीक कॉल बना विवाद का कारण
शुक्रवार को आए अदालत के फैसले में कहा गया कि पैतोंगटार्न ने कंबोडिया के एक पूर्व नेता के साथ फोन कॉल में की गई बातचीत से जुड़े नियमों का उल्लंघन किया. यह कॉल मीडिया में लीक हो गई थी, जिसके बाद सार्वजनिक तौर पर आलोचना शुरू हो गई. अदालत का मानना है कि इस कॉल ने संवैधानिक जिम्मेदारियों और नैतिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाया.
संवैधानिक अयोग्यता का हवाला
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पैतोंगटार्न अब संविधान के तहत प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य नहीं हैं. इसके साथ ही, उनके खिलाफ कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त हुआ और उन्हें पद से हटाया गया.
कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति
प्रधानमंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद सरकार की कमान उप प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई को सौंपी गई है. वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में मंत्रिमंडल के साथ मिलकर प्रशासन चलाएंगे. यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी जब तक संसद नए प्रधानमंत्री का चुनाव नहीं कर लेती.
प्रधानमंत्री पद के संभावित दावेदार
फ्यू थाई पार्टी की ओर से अब एकमात्र प्रबल उम्मीदवार 77 वर्षीय चाइकासेम नीतिसिरी हैं. वे पूर्व न्याय मंत्री और अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं. हालांकि वे सार्वजनिक मंच पर कम सक्रिय रहे हैं, लेकिन उन्होंने आगे आकर नेतृत्व संभालने की इच्छा जताई है.
अनुतिन चार्नविराकुल का नाम चर्चा में
एक और मजबूत दावेदार हैं अनुतिन चार्नविराकुल, जो पहले आंतरिक मंत्री और उप प्रधानमंत्री रह चुके हैं. उनकी पार्टी भूमजैथाई ने कुछ समय पहले पैतोंगटार्न के गठबंधन से खुद को अलग कर लिया था, जिससे उनके दावे को और बल मिला है.
अन्य संभावित चेहरे
इसके अलावा ऊर्जा मंत्री पिरापन सलीरथविभागा, पूर्व उप-प्रधानमंत्री जुरिन लक्सनाविसित, और पूर्व प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा भी इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं. प्रयुथ चान-ओचा ने 2014 में तख्तापलट किया था, लेकिन वे अब सक्रिय राजनीति से संन्यास लेकर शाही सलाहकार की भूमिका में हैं.
प्रधानमंत्री चुने जाने की प्रक्रिया
संसद में प्रधानमंत्री बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को पहले कम से कम 50 सांसदों का समर्थन प्राप्त करना होगा ताकि उनका नाम मतदान के लिए प्रस्तुत किया जा सके. इसके बाद निचले सदन के 492 सदस्यों में से 247 से अधिक मत मिलने चाहिए. यदि कोई उम्मीदवार बहुमत नहीं जुटा पाता, तो यह प्रक्रिया दोहराई जाती है और तब तक चलती है जब तक कोई प्रधानमंत्री चुन नहीं लिया जाता. इस प्रक्रिया के लिए कोई निश्चित समय सीमा निर्धारित नहीं है.


