मोहम्मद युनूस से नहीं संभल रहे हालात! उस्मान हादी के बाद बांग्लादेश में एक और छात्र नेता को मारी गोली
बांग्लादेश के खुलना में एनसीपी के वरिष्ठ मजदूर नेता मोहम्मद मोतलेब सिकदर पर गोलीबारी हुई, वे बच गए. यह घटना छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बढ़े राजनीतिक तनाव और देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच हुई.

नई दिल्लीः बांग्लादेश की नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) के एक वरिष्ठ मजदूर नेता पर सोमवार को जानलेवा हमला किया गया. यह घटना दक्षिणी शहर खुलना के सोनाडांगा इलाके में हुई, जहां पार्टी की श्रमिक शाखा से जुड़े केंद्रीय नेता मोहम्मद मोतलेब सिकदर (42) को सिर में गोली मार दी गई. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब देश पहले से ही छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की हिंसा और विरोध प्रदर्शनों से जूझ रहा है.
कब हुई घटना?
एनसीपी के स्थानीय नेताओं के अनुसार, दोपहर करीब 12:15 बजे सिकदर एक घर में मौजूद थे, तभी उन पर गोली चलाई गई. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. शुरुआत में उनकी हालत बेहद नाजुक बताई गई, लेकिन बाद में पार्टी सूत्रों ने बताया कि गोली उनके सिर को छूकर निकल गई, जिससे उनकी जान बच गई. फिलहाल उनकी हालत स्थिर है. डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है.
पार्टी में भूमिका
मोहम्मद मोतलेब सिकदर एनसीपी की श्रमिक शाखा ‘जातीय श्रमिक शक्ति’ के केंद्रीय आयोजक और खुलना मंडल के संयोजक हैं. वे आने वाले दिनों में खुलना में प्रस्तावित एक बड़ी संभागीय श्रमिक रैली की तैयारियों में सक्रिय रूप से शामिल थे. पार्टी नेताओं का कहना है कि यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक और श्रमिक आंदोलन पर हमला है.
हादी हत्याकांड से जुड़ा बढ़ता तनाव
यह गोलीबारी ऐसे समय में हुई है जब देश अभी भी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के सदमे से बाहर नहीं आया है. हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजोयनगर इलाके में उस समय गोली मार दी गई थी, जब वे बैटरी से चलने वाले एक ऑटो-रिक्शा में यात्रा कर रहे थे. बताया जाता है कि मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावरों ने पास आकर उनके सिर में गोली मारी.
इलाज और मौत की कहानी
हादी को गंभीर हालत में ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क के तने को भारी नुकसान होने की पुष्टि की. हालत बिगड़ने पर 15 दिसंबर को उन्हें हवाई मार्ग से सिंगापुर भेजा गया और सिंगापुर जनरल अस्पताल की न्यूरोसर्जिकल आईसीयू में भर्ती कराया गया. तमाम प्रयासों के बावजूद 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई.
छात्र आंदोलन का चेहरा थे हादी
शरीफ उस्मान हादी 2024 में हुए छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के प्रमुख चेहरों में से एक थे. वे ‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता थे और फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों में ढाका-8 सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. भारत और बांग्लादेश की राजनीति में भारत की भूमिका की खुली आलोचना के कारण वे अक्सर चर्चा में रहते थे.
देशभर में विरोध
हादी की मौत के बाद ढाका के शाहबाग चौराहे समेत कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने न्याय, पारदर्शी जांच और दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की. सरकार और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए आश्वासन दिया है कि हत्याओं के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, लगातार हो रही हिंसक घटनाओं ने बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.


