हादी हत्या के बहाने बांग्लादेश में अराजकता, 2026 चुनाव पर मंडरा रहा बड़ा खतरा! तारिक रहमान ने एकजुट होने की लगाई गुहार
बांग्लादेश में जारी हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आज एक अहम बैठक हुई. यह बैठक आगामी संसदीय चुनाव को लेकर किया गया, जिसमे कई बड़े मुद्दों पर बात की गई.

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. हिंसा और प्रदर्शनों के बीच आने वाले संसदीय चुनाव को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने सभी लोकतंत्र समर्थक दलों से एकजुट होने की अपील की है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो देश अराजकता की ओर बढ़ जाएगा.
तारिक रहमान की अपीलतारिक रहमान ने कहा कि आने वाले दिन बहुत मुश्किल हैं. देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर है और कई जगहों पर अव्यवस्था फैलाने की कोशिशें हो रही हैं. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से सतर्क रहने और संगठित होने का आह्वान किया. उनका मानना है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए एकता जरूरी है, वरना स्थिति और बिगड़ सकती है.
चुनाव आयोग का दावा
बांग्लादेश चुनाव आयोग ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक के बाद कहा कि चुनावी माहौल कुल मिलाकर नियंत्रण में है. 12 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनाव के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. आयोग ने हाल की हिंसा, खासकर उस्मान हादी की हत्या पर गहरी चिंता जताई. चुनाव आयुक्तों का कहना है कि कुछ घटनाओं के बावजूद चुनाव प्रक्रिया सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ेगी.
शाहबाग चौराहे का नाम हादी चत्तर रखने की मांग
हादी की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ गया है. उनकी मुख्य मांग है कि हत्यारों को फौरन सजा दी जाए. साथ ही गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के इस्तीफे की मांग भी जोर पकड़ रही है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हत्या के एक हफ्ते बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.
इंकिलाब मंचा ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. जनाजे के बाद हजारों लोग सड़कों पर उतरे और नारे लगाए. कुछ ने शाहबाग चौराहे का नाम हादी चत्तर रखने की मांग की.
सरकार की कार्रवाई
धार्मिक मामलों के सलाहकार खालिद हुसैन ने कहा कि अखबारों के दफ्तरों पर आगजनी करने वालों की पहचान हो गई है और जल्द गिरफ्तारी होगी. हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या और सांस्कृतिक केंद्र पर हमले की कड़ी निंदा की गई. सरकार ने साफ कहा कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
दोनों प्रमुख अखबारों ने तबाही के बावजूद प्रकाशन फिर शुरू कर दिया है. बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. सभी पक्षों से संयम और बातचीत की उम्मीद की जा रही है ताकि चुनाव शांतिपूर्ण हों.


