भारत पर नवारो का वार, व्यापार वार्ता से पहले बढ़ा तनाव
अमेरिकी सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की व्यापार नीतियों और रूसी तेल खरीद पर कड़ा हमला बोला. वहीं मंगलवार को भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर अहम वार्ता होनी है.

Peter Navarro Statement: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की नीतियों पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली अब बातचीत की मेज पर आ रही है, लेकिन उसकी व्यापार नीतियां गंभीर बाधाएं खड़ी कर रही हैं. यह बयान ऐसे वक्त आया है जब मंगलवार को भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता होनी है.
नवारो ने सीएनबीसी इंटरनेशनल से बातचीत में आरोप लगाया कि भारत गैर-टैरिफ बाधाओं का सहारा लेता है. उनके मुताबिक, यही वजह है कि ट्रंप प्रशासन को मोदी सरकार के साथ उसी तरह सख्ती से पेश आना पड़ रहा है जैसा वह उन अन्य देशों के साथ करता है जो इस तरह की रणनीति अपनाते हैं.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सोशल मीडिया पर हुए सौहार्दपूर्ण आदान-प्रदान का ज़िक्र भी किया, लेकिन साथ ही कहा कि व्यावहारिक रूप से भारत के टैरिफ दरें किसी भी बड़े देश की तुलना में सबसे ऊंची हैं. नवारो का कहना था कि जब तक ये बाधाएं कम नहीं होतीं, व्यापार संबंधों में तनाव बना रहेगा.
रूसी तेल पर उठाए सवाल
नवारो ने एक बार फिर भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर नाराज़गी जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारतीय रिफाइनर रूसी कंपनियों के साथ सांठगांठ कर रहे हैं. नवारो के मुताबिक, भारत अनुचित व्यापार से पैसा कमाकर वही धन रूस को तेल खरीदने में देता है, जिससे रूस हथियार खरीदता है और अंततः अमेरिकी करदाताओं पर बोझ बढ़ता है क्योंकि उन्हें यूक्रेन की सुरक्षा में और ज़्यादा खर्च करना पड़ता है. उन्होंने इसे पागलपन करार देते हुए कहा कि भारत की यह नीति न केवल अनुचित है बल्कि वैश्विक स्थिरता को भी नुकसान पहुंचाती है.
वार्ता से पहले बयानबाज़ी
भारत और अमेरिका के बीच यह तनातनी ऐसे समय में सामने आई है जब दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत के पांच दौर पूरे कर चुके हैं. मंगलवार को अमेरिकी मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच भारत दौरे पर हैं, जहां वे एक दिवसीय बैठक में इस विषय पर आगे चर्चा करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर ट्रंप के उस बयान का स्वागत किया था जिसमें कहा गया था कि दोनों देश वार्ता जारी रखेंगे. मोदी का यह रुख सहयोगात्मक दिखा, लेकिन नवारो की टिप्पणियों ने एक बार फिर माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाली वार्ता में दोनों देशों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि वे व्यापारिक मतभेदों से ऊपर उठकर कोई ठोस समाधान निकालें.


