नेतन्याहू ने पीएम मोदी को किया फोन, गाजा पीस प्लान पर की चर्चा
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की. दोनों नेताओं ने भारत–इजराइल रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत बनाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की.

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की. दोनों नेताओं ने भारत–इजराइल रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत बनाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की. बातचीत के दौरान दोनों देशों ने आतंकवाद के प्रति अपनी ज़ीरो टॉलरेंस नीति दोहराते हुए कहा कि किसी भी तरह के उग्रवाद और हिंसा को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
चर्चा में पश्चिम एशिया की मौजूदा परिस्थितियां भी शामिल रहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र में शांति बहाल करने के प्रयासों का समर्थन जताते हुए कहा कि भारत एक न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान का पक्षधर है. उन्होंने विशेष रूप से गाजा पीस प्लान को जल्द लागू करने की ज़रूरत पर जोर दिया. बातचीत के अंत में दोनों नेताओं ने भविष्य में भी नियमित संवाद बनाए रखने पर सहमति जताई.
इस कॉल के पीछे क्या संदेश?
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह फोन कॉल सिर्फ एक औपचारिक संवाद नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे सहयोग का संकेत है. भारत और इजराइल रक्षा, सुरक्षा, तकनीकी नवाचार और विदेश नीति जैसे अहम क्षेत्रों में भी करीबी साझेदार माने जाते हैं. दोनों देशों के बीच लंबे समय से उच्चस्तरीय संपर्क बना हुआ है और यह बातचीत उसी निरंतरता का हिस्सा है.
नेतन्याहू 2017 में भारत की यात्रा पर आए थे, जिसके दौरान कई महत्वपूर्ण समझौते हुए थे, जिनमें रक्षा, कृषि, जल प्रबंधन और साइबर सुरक्षा प्रमुख रहे. इसके बाद से दोनों देश रणनीतिक और राजनयिक मुद्दों पर लगातार तालमेल बनाए हुए हैं.
भारत–इजराइल रणनीतिक रिश्ता
यह बातचीत बताती है कि भारत और इजराइल का संबंध केवल औपचारिक कूटनीति के दायरे में नहीं है, बल्कि यह एक गहरी रणनीतिक साझेदारी में बदल चुका है. आतंकवाद के खिलाफ दोनों देशों का साझा रुख इस साझेदारी को और मजबूती देता है. इजराइल तकनीक और रक्षा क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है, जबकि भारत क्षेत्रीय स्थिरता के मुद्दों पर संतुलित और प्रभावी भूमिका निभाता है.
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के बीच यह कॉल भारत की सक्रिय और रचनात्मक कूटनीति को दर्शाती है. दोनों नेता इस बात से सहमत हुए कि आगे भी लगातार संवाद और सहयोग जारी रखा जाएगा, ताकि द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा दी जा सके.
भारत–इजराइल की यह बातचीत न केवल क्षेत्रीय शांति के प्रयासों को गति देती है बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को और मज़बूत बनाती है.


