‘व्हाइट हाउस के दरवाजे तक नहीं पहुंचे हमारे अधिकारी’, ईरान का ट्रंप पर पलटवार
संयुक्त राष्ट्र में ईरान की ओर से जारी आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया गया कि किसी भी ईरानी प्रतिनिधि ने व्हाइट हाउस के दरवाज़े पर जाकर बातचीत की पहल नहीं की है. बयान में यह भी कहा गया कि ईरान न तो दबाव में संवाद करता है और न ही किसी धमकी या भय के वातावरण में शांति स्वीकार करता है.

हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान ने बातचीत के लिए पहल की है. इस दावे को ईरान ने सिरे से खारिज करते हुए उसे झूठा और भड़काऊ बताया है. संयुक्त राष्ट्र में ईरानी प्रतिनिधियों की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ईरान ने कभी भी व्हाइट हाउस से संपर्क नहीं किया है और न ही वह दबाव या धमकी के माहौल में बातचीत करता है.
युद्ध भड़काने की कोशिश
बयान में ट्रंप की टिप्पणी को “कायरतापूर्ण” और “झूठ पर आधारित” बताया गया. साथ ही कहा गया कि ईरान हर धमकी का करारा जवाब देगा और अगर अमेरिका ने कोई आक्रामक कदम उठाया, तो उसका सख्त प्रतिशोध किया जाएगा. ट्रंप द्वारा ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने की धमकी पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी गई. ईरान ने इसे एक डरपोक नेता का बयान करार दिया, जो युद्ध भड़काने की कोशिश कर रहा है.
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग की और कहा कि वे खामेनेई की लोकेशन जानते हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें निशाना नहीं बना रहे. ट्रंप का कहना है कि अमेरिका नागरिकों और सैनिकों पर हो रहे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और अब उसका धैर्य जवाब देने लगा है.
खामेनेई ने लिखा कि युद्ध की शुरुआत हो चुकी
दूसरी ओर, अयातुल्ला खामेनेई ने ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि युद्ध की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और ईरान अपने वैज्ञानिकों और जनरलों की शहादत का बदला लेगा.
वर्तमान में ईरान और इजरायल के बीच तीव्र संघर्ष जारी है. ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इजरायल पर हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया, जबकि इजरायली सेना ने तेहरान के कई क्षेत्रों को निशाना बनाया है. इन झड़पों में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है.


