पाकिस्तान ने UN में खोली शिकायतों की किताब, कश्मीर से लेकर पानी तक भारत पर बरसे इशाक डार
संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाते हुए भारत पर निशाना साधा. पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय विवादित क्षेत्र बताया. डार ने भारत पर सिंधु जल संधि को एकतरफा तोड़ने का भी आरोप लगाया है.

India-Pakistan: न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत पर कश्मीर मुद्दे को लेकर तीखा हमला बोला. उन्होंने भारत पर सिंधु जल संधि को अवैध रूप से निलंबित करने का भी आरोप लगाया. पाकिस्तान इस महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता कर रहा है.
डार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर अब भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर मौजूद सबसे पुराने विवादों में से एक है और इसका अंतिम समाधान यूएन के प्रस्तावों और कश्मीरी जनता की इच्छाओं के अनुसार ही होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भारत द्वारा किए जा रहे कॉस्मेटिक उपाय आत्मनिर्णय के अधिकार का विकल्प नहीं हो सकते.
कश्मीर मुद्दे को बताया सबसे पुराना विवाद
संयुक्त राष्ट्र में उच्चस्तरीय खुली बहस को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने कहा, "जम्मू और कश्मीर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर सबसे पुराने विवादों में से एक है. यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवादित क्षेत्र है, जिसका अंतिम समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार होना है. कोई भी सतही उपाय कश्मीरियों के मौलिक और अटूट आत्मनिर्णय के अधिकार का विकल्प नहीं हो सकते."
डार का यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान जुलाई महीने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है और उन्होंने इस अवसर को भारत के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल किया.
सिंधु जल संधि को लेकर भारत पर आरोप
डार ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा रूप से निलंबित करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि, "भारत और पाकिस्तान के बीच 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे संवाद और कूटनीति के ज़रिए दो पड़ोसी देश जल बंटवारे जैसे संवेदनशील मुद्दे को शांतिपूर्वक सुलझा सकते हैं. यह संधि दोनों देशों के संबंधों में आए तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद भी कायम रही है. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है कि भारत ने अब इस संधि को अवैध और एकतरफा रूप से निलंबित कर दिया है, ताकि पाकिस्तान के 240 मिलियन लोगों के लिए जीवनदायिनी जल को रोका जा सके."
भारत ने यह निर्णय अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमलों के बाद लिया था. हालांकि, भारत की ओर से अब तक डार के इस बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जल्द ही भारत के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र में जवाब देने की संभावना है.
OIC को UN में उभारने की पाक की कोशिश
पाकिस्तान, OIC (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन) और संयुक्त राष्ट्र के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए भी सक्रिय है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस महीने पाकिस्तान OIC के साथ संयुक्त राष्ट्र की साझेदारी पर एक विशेष ब्रीफिंग आयोजित करने की योजना बना रहा है. OIC में पश्चिम एशिया, अफ्रीका और एशिया के 57 देश शामिल हैं और यह समूह जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भारत की आलोचना करता रहा है, खासकर अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद.
भारत ने OIC के संयुक्त राष्ट्र के साथ बढ़ते संबंधों पर चिंता जताई है, क्योंकि यह भारत के लिए कूटनीतिक रूप से असहज स्थिति पैदा कर सकता है. भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य देशों के साथ मिलकर इस पर जवाबी रणनीति बनाने में जुटा है.


