पाकिस्तानी नौसेना ने अरब सागर में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण कर बढ़ाई भारत की रणनीतिक चिंता
पाकिस्तानी नौसेना ने अरब सागर में एक नई सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया है. इस कदम को समुद्री सुरक्षा संतुलन से जोड़कर देखा जा रहा है और क्षेत्रीय हलकों में इसकी गंभीर चर्चा शुरू हो गई है.

इंटरनेशनल न्यूज: पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी नौसैनिक ताकत का प्रदर्शन किया है. इस बार पाकिस्तानी नौसेना ने FM-90(N) ER नाम की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया. यह परीक्षण अरब सागर में किया गया. नौसेना का दावा है कि यह मिसाइल हवाई खतरों से निपटने में सक्षम है. इसे युद्धपोतों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा. परीक्षण को सफल बताया गया है. इस घटनाक्रम ने क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है.
FM-90 मिसाइल क्या करती है?
FM-90(N) ER मिसाइल को पाकिस्तान ने अपने नेवल एयर डिफेंस सिस्टम का अहम हिस्सा बताया है. यह मिसाइल मध्यम दूरी तक हवाई लक्ष्यों को मार गिराने में सक्षम बताई जा रही है. इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन के लड़ाकू विमान, ड्रोन और मिसाइल से जहाजों की रक्षा करना है.
इसे आधुनिक रडार सिस्टम से जोड़ा गया है. इससे खतरे की पहचान जल्दी हो सकती है. नौसेना इसे अपनी सुरक्षा जरूरतों के लिए जरूरी मान रही है. यह सिस्टम समुद्री युद्ध में अहम भूमिका निभा सकता है.
भारत के लिए चिंता क्यों मानी जा रही है?
अरब सागर भारत के लिए बेहद अहम समुद्री क्षेत्र है. इसी रास्ते से भारत का बड़ा व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति होती है. पाकिस्तान द्वारा लगातार किए जा रहे मिसाइल परीक्षणों को भारत गंभीरता से देखता है. यह परीक्षण ऐसे समय हुआ है जब पहले से ही क्षेत्र में संवेदनशील माहौल बना हुआ है.
भारतीय नौसेना तकनीक और ताकत में मजबूत मानी जाती है. लेकिन फिर भी किसी भी नई तैनाती को नजरअंदाज नहीं किया जाता. हर गतिविधि का रणनीतिक विश्लेषण किया जाता है.
पहले भी हो चुके हैं परीक्षण
कुछ हफ्ते पहले पाकिस्तान ने एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइल का भी परीक्षण किया था. उस मिसाइल को समुद्र में दुश्मन के जहाजों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है. लगातार हो रहे ये परीक्षण यह संकेत देते हैं कि पाकिस्तान अपनी नौसेना को तेजी से मजबूत करना चाहता है.
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ सैन्य जरूरत नहीं बल्कि शक्ति प्रदर्शन भी है. ऐसे कदम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संदेश देने के लिए उठाए जाते हैं. इससे क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां तेज होती दिख रही हैं.
पाकिस्तानी नौसेना की नई सोच क्या है?
पाकिस्तानी नौसेना अब सिर्फ तटीय सुरक्षा तक सीमित नहीं रहना चाहती. वह खुद को एक आधुनिक और बहुआयामी समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करने की कोशिश में है. एयर डिफेंस सिस्टम इसी रणनीति का हिस्सा है. नौसेना मानती है कि भविष्य के युद्ध समुद्र और हवा दोनों में होंगे.
इसलिए जहाजों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बन चुकी है. नई मिसाइल तैनाती उसी दिशा में कदम मानी जा रही है. यह लंबी तैयारी का संकेत भी देती है.
क्षेत्रीय संतुलन पर क्या असर पड़ेगा?
दक्षिण एशिया में सैन्य संतुलन बेहद संवेदनशील माना जाता है. एक देश की सैन्य बढ़त दूसरे देशों की चिंता बढ़ा देती है. अरब सागर में किसी भी तरह की अस्थिरता का असर पूरे क्षेत्र पर पड़ सकता है. व्यापार, तेल आपूर्ति और समुद्री आवाजाही इससे प्रभावित हो सकती है.
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे परीक्षण पारदर्शिता के साथ होने चाहिए. ताकि किसी तरह की गलतफहमी न फैले. फिलहाल हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं.
आगे क्या संकेत मिलते हैं?
इस मिसाइल परीक्षण से साफ है कि पाकिस्तान नौसेना आने वाले समय में और भी परीक्षण कर सकती है. भारत की ओर से आमतौर पर संयमित प्रतिक्रिया दी जाती है. लेकिन रणनीतिक स्तर पर हर कदम का बारीकी से अध्ययन होता है. क्षेत्र में शांति और स्थिरता सभी के हित में है.
हथियारों की होड़ से तनाव ही बढ़ता है. आने वाले महीनों में समुद्री गतिविधियों पर सभी की नजर बनी रहेगी. अरब सागर एक बार फिर रणनीतिक चर्चा के केंद्र में है.


