पोप फ्रांसिस लंबे समय से 'डबल निमोनिया' से थे पीड़ित, जानें क्या है कारण
88 वर्षीय पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है. वे काफी समय से 'डबल निमोनिया' जैसी गंभीर श्वसन संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे. इस लेख में हम डबल निमोनिया क्या होता है, इसके संभावित कारण, लक्षण और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे.

वेटिकन सिटी ने सोमवार को जानकारी दी कि पोप फ्रांसिस का लंबी बीमारी के बाद 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया. 2013 में पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के इस्तीफे के बाद वे रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी पोप बने थे और करीब 12 वर्षों तक उन्होंने इस पद की जिम्मेदारी निभाई.
अपने कार्यकाल के अंतिम वर्षों में पोप फ्रांसिस को स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा. रिपोर्ट्स के अनुसार, वे लंबे समय से ‘डबल निमोनिया’ की चपेट में थे, जो उनकी बिगड़ती तबीयत का प्रमुख कारण बना.
क्या होता है डबल निमोनिया?
डबल निमोनिया एक प्रकार का गंभीर फेफड़ों का संक्रमण होता है, जिसमें दोनों फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं. यह स्थिति तब होती है जब बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण फेफड़ों की वायु थैलियाँ सूज जाती हैं और उनमें तरल भर जाता है. इससे सांस लेना कठिन हो जाता है और शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती.
इसके मुख्य कारण
इस रोग के पीछे कई कारक होते हैं. बैक्टीरिया जैसे स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया और माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया इसके आम कारक हैं. वायरस की बात करें तो इन्फ्लूएंजा, राइनोवायरस और COVID-19 जैसे वायरस भी डबल निमोनिया के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में फंगल संक्रमण के कारण भी यह रोग उभर सकता है.
जोखिम बढ़ाने वाले कारक
बुजुर्ग, छोटे बच्चे, और मधुमेह या हृदय रोग से ग्रसित लोगों में इसकी संभावना अधिक होती है. धूम्रपान और प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहना भी जोखिम को बढ़ाता है.
लक्षणों की पहचान
डबल निमोनिया के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, लगातार खांसी, छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी और अत्यधिक थकान शामिल हैं. ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तत्काल चिकित्सा सलाह लेना आवश्यक है.


