पुतिन की नई चाल? रूस ने फिनलैंड बॉर्डर पर तैनात किए हजारों सैनिक, सैटेलाइट इमेज से खुलासा
रूस-यूक्रेन शांति बातचीत की चर्चा के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. स्वीडन के SVT चैनल ने सैटेलाइट इमेज के ज़रिए खुलासा किया है कि रूस ने फिनलैंड बॉर्डर के नज़दीक चार सैन्य ठिकानों पर भारी मात्रा में सैनिकों और हथियारों की तैनाती शुरू कर दी है.

रूस और यूक्रेन के बीच शांति की संभावनाएं भले ही तुर्किये में संभावित बैठक के साथ बन रही हों, लेकिन इसी बीच रूस की ओर से एक नया और चिंताजनक घटनाक्रम सामने आया है. स्वीडन के राष्ट्रीय ब्रॉडकास्टर SVT द्वारा जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि रूस ने फिनलैंड की सीमा से सटे चार प्रमुख सैन्य अड्डों पर अपनी सैन्य गतिविधियां अचानक तेज़ कर दी हैं.
इन तसवीरों ने पश्चिमी देशों की नींद उड़ा दी है, क्योंकि यही रणनीति रूस ने 2021 में यूक्रेन पर हमले से पहले अपनाई थी. ऐसे में सवाल उठ रहा है—क्या पुतिन अब फिनलैंड पर भी यूक्रेन जैसा हमला करने की योजना बना चुके हैं?
फिनलैंड बॉर्डर पर सैन्य हलचल
सैटेलाइट इमेज के मुताबिक, रूस ने कामेनका, पेत्रोजावोडस्क, सेवेरोमॉर्स्क-2 और ओलेन्या जैसे सैन्य ठिकानों पर बड़ी संख्या में हथियार, सैनिक और सैन्य उपकरण जमा कर दिए हैं. ये सभी लोकेशन फिनलैंड की सीमा के बेहद करीब हैं.
महज 35 मील की दूरी और 130 से अधिक टेंट
कामेनका फिनलैंड बॉर्डर से केवल 35 मील दूर स्थित है. यहां फरवरी 2025 से अब तक 130 से ज़्यादा सैन्य टेंट लगाए जा चुके हैं, जिनमें अनुमानतः 2000 सैनिकों को तैनात किया गया है. यह एक बड़ा संकेत है कि रूस यहां किसी बड़े ऑपरेशन की तैयारी में है.
150 बख्तरबंद वाहनों की छिपी तैनाती
फिनलैंड सीमा से 109 मील दूर पेत्रोजावोडस्क में तीन विशाल स्टोरेज हॉल बनाए गए हैं. इन हॉल्स में 50-50 बख्तरबंद वाहन रखे जा सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ये हॉल रूस द्वारा अपनी वास्तविक सैन्य ताकत छिपाने के लिए बनाए गए हैं.
हेलिकॉप्टरों की तैनाती से हवाई हमले की तैयारी?
तीसरा अहम स्थान सेवेरोमॉर्स्क-2 है, जहां सैटेलाइट तस्वीरों में कई सैन्य हेलिकॉप्टर दिखाई दिए हैं. यह बेस रूस के एयर ऑपरेशन्स के लिहाज से बेहद अहम है और संकेत देता है कि रूस यहां से हवाई हमलों की तैयारी कर सकता है.
जहां से यूक्रेन पर पहले हो चुके हैं हमले
चौथा अड्डा है ओलेन्या, जहां पहले भी यूक्रेन के मुताबिक रूस ने कई बार हमले किए हैं. अब इस बेस पर भी नई सैन्य हलचल देखी गई है. यह साफ संकेत है कि रूस फिर से कुछ बड़ा करने की योजना बना रहा है.
NATO में फिनलैंड-स्वीडन की एंट्री और बढ़ता तनाव
फिनलैंड और स्वीडन के NATO में शामिल होने के बाद से रूस की नाराजगी साफ देखी जा सकती है. फिनलैंड अप्रैल 2023 और स्वीडन मार्च 2024 में NATO का हिस्सा बने. रूस ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि पड़ोसी देश NATO में शामिल होते हैं, तो वह “प्रतिक्रिया देगा.” अब जो तैनाती हो रही है, वह उसी प्रतिक्रिया का हिस्सा लगती है.
क्या इतिहास दोहराएगा खुद को?
सेटेलाइट इमेज ने 2021 की याद ताज़ा कर दी है, जब रूस ने यूक्रेन बॉर्डर पर इसी तरह की गतिविधियां की थीं और 2022 में युद्ध शुरू हो गया था. फिनलैंड के डिप्टी चीफ ऑफ डिफेंस वेसा विर्टानेन का कहना है, “रूस NATO की एकता को परख रहा है.” वहीं स्वीडन के डिफेंस चीफ माइकल क्लेसन ने कहा, “हम जब नाटो में शामिल हुए थे, तब रूस ने कहा था कि वो प्रतिक्रिया देगा, अब वो सच साबित हो रहा है.”
क्या पुतिन खोलने जा रहे हैं नया युद्ध मोर्चा?
अब जब यूक्रेन युद्ध थमने की उम्मीद जगी है, रूस की यह नई सैन्य तैनाती एक और युद्ध की आहट सुनाती है. पश्चिमी देशों की नजरें अब रूस की हर हरकत पर टिकी हैं. सवाल यह है कि क्या पुतिन फिर से वही रणनीति अपनाकर फिनलैंड या स्वीडन को निशाना बनाने की तैयारी कर रहे हैं?


