अमेरिका में मेंढ़क के भ्रूणों की तस्करी के आरोप में वैज्ञानिक गिरफ्तार, हो सकती है 20 साल की जेल!
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रूसी मूल की वैज्ञानिक कसेनिया पैट्रोवा पर अमेरिका में मेंढक के भ्रूणों की तस्करी का गंभीर आरोप लगा है. अगर दोषी पाई गई तो उन्हें 20 साल की जेल और $250,000 का जुर्माना हो सकता है.

अमेरिका में एक रूसी मूल की वैज्ञानिक और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता कसेनिया पैट्रोवा पर गंभीर आरोप लगे हैं. उन पर फ्रांस से वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए लाए गए मेंढक के भ्रूणों को अमेरिका में गुपचुप तरीके से लाने की कोशिश यानी तस्करी करने का आरोप है. मामला सामने आने के बाद ना केवल उनका वीजा रद्द किया गया, बल्कि अब उन्हें अमेरिका से निर्वासित भी किया जा सकता है.
30 वर्षीय पैट्रोवा इस समय लुइसियाना के एक डिटेंशन सेंटर में बंद हैं, जबकि उनके वकील ने उन्हें मैसाचुसेट्स वापस भेजने की गुहार अदालत में लगाई है. बता दें कि मामला 3 महीने पहले यहां दर्ज किया गया था. इसी बीच, अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने दावा किया है कि पैट्रोवा ने अधिकारियों से झूठ बोला और जानबूझकर पदार्थों को सीमा शुल्क में घोषित नहीं किया.
फ्रांस से लाई थीं मेंढक के भ्रूण
कसेनिया पैट्रोवा ने अपनी छुट्टियों के दौरान फ्रांस से मेंढक के भ्रूण के कुछ नमूने जुटाए थे, जिन्हें वे अमेरिका में अपने शोध प्रयोगों में इस्त करना चाहती थीं. लेकिन जब वे बोस्टन लोगन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचीं, तो अमेरिकी कस्टम अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया और उनके सामान की जांच की. पूछताछ के दौरान उन्होंने भ्रूणों के बारे में जानकारी दी, लेकिन अधिकारियों ने इसे घोषित ना किया गया पदार्थ मानते हुए उनका वीजा तुरंत रद्द कर दिया.
'कुछ छिपाने का कोई इरादा नहीं था'– पैट्रोवा
इस मामले पर बात करते हुए पैट्रोवा ने एक इंटरव्यू में साफ कहा था कि मुझे नहीं पता था कि इन चीज़ों को कस्टम में घोषित करना जरूरी है. मैंने कुछ भी छिपाने की कोशिश नहीं की थी. हालांकि इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. अब उन पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर वैज्ञानिक पदार्थों की तस्करी की योजना बनाई थी और अधिकारियों को गुमराह किया.
पैट्रोवा के वकील ग्रैगोरी रोमानोवस्की ने कहा कि हमने अदालत से अनुरोध किया है कि पैट्रोवा को मैसाचुसेट्स लाया जाए, जहां इस मामले की शिकायत दर्ज की गई थी. हमारे अनुसार कस्टम अधिकारियों के पास ना तो वीज़ा रद्द करने और ना ही हिरासत में लेने का कानूनी आधार था. उन्होंने ये भी जोड़ा कि पैट्रोवा अमेरिका में कैंसर और वृद्धावस्था से जुड़े विषयों पर शोध कर रही थीं और उन्हें किसी भी तरह से खतरा मानना गलत है.
'फर्जी बयानों के साथ तस्करी की योजना' – अधिकारी
अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जारी एक बयान में कहा कि पैट्रोवा ने अधिकारियों से झूठ बोला. जब उनके फोन की जांच की गई, तो उसमें ऐसे संदेश मिले जो दर्शाते हैं कि उन्होंने जानबूझकर पदार्थों को बिना घोषित किए सीमा पार लाने की योजना बनाई थी. इस बयान के बाद, उनके खिलाफ मामला और भी गंभीर हो गया है. अगर अदालत में वे दोषी पाई जाती हैं, तो उन्हें 20 साल तक की जेल और $250,000 (लगभग 2 करोड़ रुपये) का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है.
इस पूरे विवाद के बीच हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने भी एक बयान जारी किया है. हम इस मामले पर करीबी नज़र बनाए हुए हैं, विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया. ये स्पष्ट नहीं है कि विश्वविद्यालय इस मुद्दे में कोई कानूनी सहायता दे रहा है या नहीं.


