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नए नोट, नई कहानी: बांग्लादेश में शेख मुजीब की तस्वीरों को कहा गया अलविदा, शेख हसीना को झटका

बांग्लादेश में नए बैंकनोट जारी किए गए हैं. नोट से देश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरों को हटा दिया गया है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

बांग्लादेश में हाल ही में नए बैंकनोट जारी किए गए हैं, जिनमें देश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरों को हटा दिया गया है. यह बदलाव देश की राजनीतिक दिशा में आए परिवर्तन को दर्शाता है. अब इन नोटों पर मानव चेहरों की जगह प्राकृतिक दृश्य, सांस्कृतिक प्रतीक और ऐतिहासिक स्मारकों को प्रदर्शित किया जाएगा.

नए नोटों में हिंद-बौद्ध धर्मस्थल और ऐतिहासिक इमारत 

बांग्लादेश बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान के अनुसार, नए नोटों में हिंदू और बौद्ध धर्मस्थलों, ऐतिहासिक इमारतों और प्रसिद्ध कलाकार जैनुल आबेदीन की कलाकृतियों को स्थान दिया गया है. इनमें से कई चित्र ब्रिटिश शासनकाल के दौरान आए बंगाल अकाल को भी चित्रित करते हैं. इसके अलावा, एक नोट पर राष्ट्रीय शहीद स्मारक की तस्वीर है, जो 1971 के मुक्ति संग्राम में शहीद हुए लोगों को समर्पित है.

रविवार को इन नए नोटों की तीन शृंखलाएं जारी की गईं, जबकि अन्य नोट धीरे-धीरे देशभर में प्रसारित किए जाएंगे. शुरुआत में ये नोट ढाका स्थित केंद्रीय बैंक मुख्यालय से उपलब्ध कराए जाएंगे और बाद में पूरे देश में वितरित होंगे.

1971 में नोटों पर देश का नक्शा छपा था

यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में नोटों का डिज़ाइन बदला गया हो. 1971 में आजादी के बाद पहले नोटों पर देश का नक्शा छपा था. बाद में शेख मुजीब की तस्वीरें नोटों में शामिल की गईं, जो उस वक्त अवामी लीग के नेता थे. उनकी बेटी शेख हसीना ने भी लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहते हुए देश का नेतृत्व किया.

शेख हसीना को छोड़नी पड़ी सत्ता 

हाल ही में शेख हसीना को भारी छात्र आंदोलन के चलते सत्ता छोड़नी पड़ी. यह विरोध सरकारी नौकरी में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ शुरू हुआ, लेकिन बाद में यह हिंसा में बदल गया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग 1,400 लोग मारे गए. हसीना को देश छोड़कर भारत भागना पड़ा. उन पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप लगे हैं.

शेख मुजीब की तस्वीरों को हटाना केवल डिजाइन बदलाव नहीं, बल्कि देश की राजनीतिक और ऐतिहासिक दिशा में एक निर्णायक मोड़ है. अब बांग्लादेश अपनी सांस्कृतिक विरासत और प्रकृतिक सौंदर्य को प्रमुखता दे रहा है.

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01 June 2025, 05:30 PM IST

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