दक्षिण अफ्रीकी दूरबीन ने की बड़ी खोज, जाने इसके बारे में...
शायद आपको पता न हो, लेकिन इस समय हमारे सौरमंडल से बहुत दूर विशाल ब्रह्मांडीय घटनाएं घट रही हैं. इन ब्रह्मांडीय घटनाओं में अतिविशाल ब्लैक होल प्रमुख रूप से शामिल हैं. इन रहस्यमयी पिंडों का द्रव्यमान सूर्य से लाखों या करोड़ों गुना अधिक हो सकता है और ये इतने घने होते हैं कि वे अपने चारों ओर की अन्य अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों को विकृत कर देते हैं.

शायद आपको पता न हो, लेकिन इस समय हमारे सौरमंडल से बहुत दूर विशाल ब्रह्मांडीय घटनाएं घट रही हैं. इन ब्रह्मांडीय घटनाओं में अतिविशाल ब्लैक होल प्रमुख रूप से शामिल हैं. इन रहस्यमयी पिंडों का द्रव्यमान सूर्य से लाखों या करोड़ों गुना अधिक हो सकता है और ये इतने घने होते हैं कि वे अपने चारों ओर की अन्य अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों को विकृत कर देते हैं.
केन्द्र में एक अतिविशाल ब्लैक होल मौजूद
जहां तक खगोलशास्त्रियों को पता है, सभी आकाशगंगाओं के केन्द्र में एक अतिविशाल ब्लैक होल मौजूद होता है. कुछ आकाशगंगाओं में विशाल ब्लैक होल के चारों ओर बड़ी मात्रा में अंतरतारकीय गैस घूम रही है तथा क्षितिज से परे, अनिवार्यतः ब्लैक होल की ओर खिंच रही है. इस प्रक्रिया से भारी मात्रा में घर्षण और ऊर्जा पैदा होती है, जो उस 'रेव' का कारण बन सकती है जिसके बारे में मैं बात कर रही हूं - विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में विभिन्न रंगों और आवृत्तियों पर भारी मात्रा में प्रकाश उत्सर्जित करना.
कुछ मामलों में, ब्लैक होल अंतरिक्ष में लाखों प्रकाशवर्ष दूर प्लाज्मा की धाराएं भी उगलेगा. प्लाज्मा गैस इतनी गर्म होती है कि यह अनिवार्य रूप से प्रकाश की गति के करीब चलने वाले इलेक्ट्रॉनों का सूप है. ये प्लाज्मा जेट रेडियो आवृत्तियों पर चमकते हैं, इसलिए इन्हें रेडियो दूरबीन से देखा जा सकता है और इन्हें उपयुक्त रूप से रेडियो आकाशगंगा नाम दिया गया है.
खगोल विज्ञान पॉडकास्ट 'द कॉस्मिक सवाना' के एक हालिया एपिसोड में, मैंने उनके स्वरूप की तुलना चिपचिपे पदार्थ (आकाशगंगा) की एक गेंद से बाहर निकलती हुई दो चमकती छड़ियों (प्लाज्मा जेट) से की थी. खगोलविदों का अनुमान है कि समय बीतने के साथ प्लाज्मा जेट बाहर की ओर फैलते रहते हैं, और अंततः इतने बड़े हो जाते हैं कि वे विशाल रेडियो आकाशगंगा बन जाते हैं.
11,000 विशालकाय तारामंडल खोजे गए
विज्ञान को सामान्य आकार की लाखों रेडियो आकाशगंगाएं ज्ञात हैं. लेकिन 2020 तक केवल 800 विशाल रेडियो आकाशगंगाएं ही पाई गई थीं. इन्हें पहली बार खोजे जाने के लगभग 50 वर्ष बाद ये अस्तित्व में आई हैं. उन्हें दुर्लभ माना जाता था. हालांकि, दक्षिण अफ्रीका के 'मीरकैट' सहित रेडियो दूरबीनों की एक नयी पीढ़ी ने इस विचार को पूरी तरह बदल दिया है: पिछले पांच वर्षों में लगभग 11,000 विशालकाय तारामंडल खोजे गए हैं.
दक्षिण अफ्रीकी रेडियो दूरबीन मीरकैट की नयी विशाल रेडियो आकाशगंगा की खोज असाधारण है. इस ब्रह्मांडीय विशालकाय आकाशगंगा के प्लाज़्मा जेट एक छोर से दूसरे छोर तक 33 लाख प्रकाश वर्ष तक फैले हैं - जो हमारी आकाशगंगा 'मिल्की वे' के आकार से 32 गुना अधिक है. मैं यह खोज करने वाले प्रमुख शोधकर्ताओं में से एक हूं. हमने इसका नाम इंकाथाज़ो रखा है, जिसका अर्थ दक्षिण अफ्रीका की इसिज़ोसा और इसिज़ुलु ओं में 'परेशानी' है.
इस खबर को जनभावना टाइम्स ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है.


