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इमरान खान की स्थिति पर बढ़ा तनाव, पाकिस्तान में सियासी उबाल, कई शहरों में लगा कर्फ्यू

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की स्थिति को लेकर पाकिस्तान में गहरी आशंका और राजनीतिक तनाव बढ़ गया है. पीटीआई के विरोध, धारा 144 की पाबंदियों और सरकारी चुप्पी ने माहौल को और विस्फोटक बना दिया है, जबकि खान की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः पाकिस्तान में इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कहां हैं और किस स्थिति में हैं? उनकी सुरक्षा, सेहत और संभावित हत्या से जुड़े दावों ने पूरे देश का माहौल गरमा दिया है. पीटीआई नेताओं, कार्यकर्ताओं और खान के परिवार की बढ़ती चिंता ने पाकिस्तान की सियासत को अशांत कर दिया है. स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि देश के दो प्रमुख शहरों में कर्फ्यू जैसी पाबंदियाँ लागू करनी पड़ी हैं.

इमरान खान की स्थिति पर बढ़ी आशंका

अफगानिस्तान की ओर से आए एक विवादित दावे के बाद इमरान खान की कथित हत्या की चर्चा तेज हो गई, जिससे राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया है. इमरान खान के दोनों बेटों ने एक बार फिर अपने पिता की स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई है. उनका कहना है कि उन्हें अपने पिता से बातचीत की अनुमति नहीं दी जा रही है और यह हालात को और संदिग्ध बना रहा है.

इसी बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता और समर्थक रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर रातभर डटे रहे. उनका आरोप है कि इमरान खान से न तो मिलने दिया जा रहा है और न ही उनके स्वास्थ्य की कोई स्पष्ट जानकारी परिवार को दी जा रही है.

इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 लागू

देश के माहौल में उभरती अस्थिरता और PTI की आक्रामक गतिविधियों के चलते सरकार ने आपात कदम उठाए हैं. रिपोर्ट के अनुसार इस्लामाबाद जिला मजिस्ट्रेट ने राजधानी क्षेत्र में दो महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है. रावलपिंडी के डिप्टी कमिश्नर ने भी 3 दिसंबर तक धारा 144 लगाने की घोषणा की है.

इस आदेश के बाद दोनों शहरों में 5 या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने, रैलियों, प्रदर्शनों और जुलूसों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रशासन ने इसे सार्वजनिक शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है.

अधिसूचना के मुताबिक, किसी भी ऐसी गतिविधि की अनुमति नहीं होगी, जो सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर सकती है. विशेषकर इस्लामाबाद के रेड जोन में कड़ी निगरानी बढ़ा दी गई है.

विरोध प्रदर्शन की तैयारी

सोमवार 1 दिसंबर को पीटीआई संसदीय समिति ने गंभीर बयान जारी करते हुए कहा कि इमरान खान से नियमित मुलाकात की अनुमति नहीं देना उनके अधिकारों का उल्लंघन है. इसके विरोध में मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर प्रदर्शन और अदियाला जेल के सामने धरने की घोषणा की गई है.

पार्टी नेताओं का कहना है कि सरकार इमरान खान को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही है, जिससे संदेह और गहरा हो रहा है.

2013 से सत्ता की लड़ाई 

इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं. उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार, तोशाखाना मामले और राष्ट्रीय रहस्यों से जुड़े मामलों में उन्हें दोषी करार दिया गया था. अदालतों ने कई मामलों में सजा सुनाई, जिसके बाद से वे लगातार अदियाला जेल में बंद हैं. हालांकि, पीटीआई का दावा है कि इमरान खान के खिलाफ सभी आरोप राजनीतिक बदले की भावना से लगाए गए हैं और उन्हें चुनावी राजनीति से दूर रखने की साज़िश की जा रही है.

सियासत में बढ़ता तनाव

इमरान खान की स्थिति पर अस्पष्टता और सरकार की ओर से आधिकारिक जानकारी न दिए जाने से अटकलें और बढ़ रही हैं. राजधानी क्षेत्र में लोगों का गुस्सा भी उभर रहा है, जबकि पीटीआई समर्थक लगातार सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं.

देश को एक बार फिर सियासी अस्थिरता की ओर धकेलते इस संकट ने यह सवाल खड़ा कर दिया है. क्या पाकिस्तान फिर किसी बड़े राजनीतिक विस्फोट के मुहाने पर है? यह स्थिति आने वाले दिनों में और तनावपूर्ण हो सकती है, खासकर तब जब इमरान खान की सेहत और लोकेशन को लेकर सरकार चुप्पी साधे हुए है.

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02 December 2025, 09:18 AM IST

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